धनबादः लोक अदालत में 2.91 लाख मामलों का निबटारा, 12.44 अरब रुपये की रिकवरी
Dhanbad : नालसा के निर्देश पर धनबाद में शनिवार को इस साल की तीसरी लोक अदालत लगाई गई. इसमें दोपहर 2 बजे तक 2 लाख 91 हजार 12 मामलों का निबटारा किया गया. साथ ही समझौते के आधार पर 12 अरब 44 करोड़ 3 लाख 22 हजार 704 रुपये की रिकवरी भी की गई. इससे पूर्व झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान ने लोक आदालत का रांची से ऑनलाइन उद्घाटन किया.
इस दौरान धनबाद में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत अब लोगों की आदत में शामिल हो चुका है. यह संविधान की परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. नवंबर 2013 से पूरे देश में हर तीन महीने पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. हमारा संविधान हर व्यक्ति को सामाजिक, आर्थिक और सस्ता न्याय उपलब्ध कराने की गारंटी देता है. लोक अदालत में लोग महीनों तक कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बच सकते हैं.
डीडीसी सादात अनवर ने कहा कि जिला प्रशासन हमेशा डालसा के साथ मिलकर काम कर रहा है. धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने कहा कि डालसा लगातार आम लोगों के हित में काम कर रहा है. एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से बड़े पैमाने पर मुकदमों का निपटारा हो रहा है जिससे समय की बचत होती है और लोगों को कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिलती है.
अवर न्यायाधीश व डालसा के सचिव मयंक तुषार टोपनो ने बताया कि विवादों के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 13 बेंच का गठन किया गया था. दोपहर 2 बजे तक इन बेंचों में 2,91,012 विवादों का निपटारा किया गया. इसमें 12,44,03,22704 रुपये की रिकवरी हुई. इनमें 37130 मामले ऐसे थे जो विभिन्न अदालतों में लंबित थे. वहीं, 2,53,882 प्री-लिटिगेशन मामलों का निबटारा हुआ. उन्होंने उम्मीद जताई कि शाम तक यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा. मयंक तुषार टोपनो ने सभी वादी, न्यायिक अधिकारियों, विभाग के अधिकारियों और बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया.
इस अवसर पर न्यायिक अधिकारियों में कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुभाष, लेबर जज रमाकांत मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पीएस घोष, सिविल जज एंजेलिना जॉन, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिजीत पांडे, रेलवे मजिस्ट्रेट मनोज कुमार, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि कुमार, रजिस्ट्रार आईजेड खान, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष पीयूष कुमार, सर्टिफिकेट ऑफिसर रवींद्रनाथ ठाकुर और जिला उपभोक्ता फोरम की सदस्य शिप्रा सहित अन्य अधिकारी और अधिवक्ता उपस्थित रहे.
