रांची : डीजीपी अनुराग गुप्ता ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में ध्वजारोहण किया. मौके पर डीजीपी ने सभी पुलिसकर्मियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी.
उन्होंने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि झारखंड पुलिस ने अपने कुशल नेतृत्व में नक्सलियों के विरूद्ध लगातार अभियान चलाकर उन्हें दुबकने को मजबूर कर दिया है. नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करना हमारा एक अहम लक्ष्य है. झारखंड पुलिस अपने पुष्ट सूचना तंत्र और कुशल निर्देशन से फुलप्रुफ योजना बनाकर अभियान चला रही है, चलाये जा रहे अभियानों के कारण कई कुख्यात और दुर्दान्त नक्सलियों को गिरफ्तार किया है एवं कई नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर भी किया गया है. पुलिस के बढ़ते दबाब एवं राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने न सिर्फ आत्मसमर्पण किया है बल्कि कई नक्सली मुख्यधारा से जुड़ने को आतुर भी हैं.
डीजीपी ने कहा कि सीआईडी की ओर से प्रतिबिंब वेब पोर्टल को बनाया गया है, जिसके माध्यम से साईबर ठगी में इस्तेमाल किये जाने वाले मोबाईल नंबरों का लाइव मॉनिटरिंग कर दिसम्बर 2023 से अब तक 227 काण्ड दर्ज किया गया है. 1063 साईबर अपराधकर्मी को गिरफ्तार, 2326 मोबाईल एवं 3427 सिम जब्त किया गया है. इससे न केवल झारखंड राज्य बल्कि अन्य राज्यो के मामलों का भी उद्भेदन किया गया है. नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल के तहत साईबर हेल्पलाईन नंबर 1930 झारखंड राज्य में 24 घंटे सातों दिन कार्यरत है, जिसके माध्यम से मार्च 2022 से अब तक 15,77,00,000 रुपये को ब्लॉक किया गया.
डीजीपी ने कहा कि संगठित अपराध राज्य में एक नई चुनौती बनकर उभरा है. इसके खात्में के लिये झारखंड पुलिस की सभी इकाइयां कन्धे से कन्धा मिलाकर उसका मुकाबला कर रही है. झारखण्ड एटीएस के जरिये राज्य में सक्रिय विभिन्न संगठित आपराधिक गिरोहों तथा उनके सदस्यों के विरूद्ध कार्रवाई कर कई संगठित अपराधकर्मियों को गिरफतार किया गया है तथा 81 अपराधकर्मियों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृत्यादेश प्राप्त किया गया है.
डीजीपी ने कहा कि राज्य में मादक पदार्थ के अपराध एवं अपराधियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के साथ-साथ आम नागरिकों को मादक पदार्थ के दुष्प्रभाव की जानकारी देने के लिए झारखंड सरकार के जरिये बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान कार्यक्रम का संचालन भी किया जा रहा है. इसका कारोबार करने वालों पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा रहा है.
डीजीपी ने कहा कि ईआरएसएस परियोजना के तहत पुलिस डायल 100, अग्निशमन डायल101और एम्बुलेन्स के लिए डायल 108 सेवा का सफलतापूर्वक एकीकरण कर डायल 112 का क्रियान्वयन किया जा रहा है, इसे और भी अधिक कारगर बनाने का प्रयास पुलिस मुख्यालय के स्तर से किया जा रहा है. उन्होंने शहीद हुये झारखंड पुलिस एवं नक्सल उन्मूलन में लगे अन्य केन्द्रीय बलों के जांबाजों को जिन्होंने अपनी असाधारण बहादुरी, दिलेरी एवं जांबाजी की विशाल पेश करते हुये अपने प्राणों को खोया है उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. साथ ही झारखंड पुलिस को हमेशा शहीदों के बलिदान पर गर्व रहेगा.