खूंटी : जनजातीय मामलों और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि शिक्षा ही सबसे बड़ा धन है. इससे ही सशक्त समाज और विकसित भारत का निर्माण हो सकता है. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास है कि जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले छोत्रों को शिक्षित कर उन्हें तकनीकी ज्ञान से जोड़ा जाए, ताकि आनेवाल समय में वे विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे सकें. केंद्रीय मंत्री सोमवार को कर्रा में एकलव्य आदर्श विद्यालय के उद्घाटन और नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
एकलव्य विद्यालय का उद्घाटन करना मेरे लिए गौरव का क्षण
उन्होंने कहा कि एकलव्य विद्यालय का उद्घाटन करना मेरे लिए गौरव का क्षण है. आज का दिन हमारे बच्चों के लिए उनके उज्ज्वल भविष्य को और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में उठाए गए कदम को समर्पित है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य देशभर में ऐसे लगभग 740 स्कूल खोलने का है, जिनमें 3.5 लाख जनजातीय छात्रों को उनके अपने वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी. वर्तमान में 402 इएमआरएस पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं. हम अगले तीन वर्षों में देश के एकलव्य विद्यालयों के लिए 38 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति कर रहे हैं. अत्याधुनिक पद्धति से शिक्षण की व्यवस्था करने के लिए देश के 175 एकलव्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित किए जा रहे हैं. शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक कल्याण की कुंजी है. इसलिए उन्होंने अभिभावकों को अपने बच्चों को शिक्षित करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि शिक्षा के कारण ही उन्हें नागरिकों की सेवा करने का अवसर मिला.
अप्रैल से झारखंड में 21 और नये एकलव्य विद्यालय की शुरुआत की जाएगी
अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसी भी वस्तु का आविष्कार किसी व्यक्ति के द्वारा ही किया गया है और वह उसकी शिक्षा से ही संभव हुआ है. आज डिजिटल युग का समय चल रहा है. आज हर हाथ में मोबाइल है, जो डिजिटल युग का सबसे बड़ा उदाहरण है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुदूरवर्ती क्षेत्र में शिक्षा का पहुंच बढ़ाने के लिए ऐसे विद्यालयों की पहल की है जनजातीय बच्चों के खेल प्रतिभा को संवारने के लिए पहल की गई है, जिनमें चार खेल मुख्य हैं जिसमें तीरंदाजी को मुख्य रूप से लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अप्रैल से झारखंड में 21 और नये एकलव्य विद्यालय की शुरुआत की जाएगी.
उन्होंने कहा कि बहुत जल्द भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली के साथ डोंबारीबुरू, चलकद आदि जगहों को टूरिस्ट सर्किट से जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न टोले व कस्बे में रहने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए भारत सरकार के जन जनजातीय मंत्रालय ने विकसित भारत से जोड़ने के लिए इस तरह की पहल शुरू की है. मौके पर जिला परिषद उपाध्यक्ष ने कहा कि आदिवासी छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकेंगे.
सिमडेगा का रामरेखा धाम बनेगा पर्यटन
अर्जुन मुंडा ने कहा कि सिमडेगा स्थित रामरेखा धाम को को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए केन्द्र सरकार के 25 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई है. इन सारे कार्यों से ही विकसित भारत कें संकल्प को पूरा किया जा सकता है.