लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पारित, विपक्ष का वॉक आउट

राष्ट्रीय

नयी दिल्ली :  लोकसभा में आज दिल्ली सेवा विधेयक पारित हो गया. विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया. इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट किया. यह चर्चित विधेयक दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति संबंधी अधिकारों से जुड़ा है.

जारी गतिरोध के बाद आज विधेयक पर लम्बी चर्चा

लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर कई दिनों से जारी गतिरोध के बाद आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लम्बी चर्चा हुई. इसमें सत्ता पक्ष के साथ ही कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चर्चा में भाग लिया. चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहे. उन्होंने चर्चा की शुरूआत की और विपक्षी सदस्यों के बोलने के बाद अंत में जवाब भी दिया.

अमित शाह ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाये

विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते और उत्तर देते हुए अमित शाह ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि सदन में पिछले दिनों करीब 9 विधेयकों को पारित किया गया. वे सब महत्वपूर्ण विधेयक थे, लेकिन विपक्ष ने इन पर चर्चा में भाग नहीं लिया. उन्होंने मणिपुर का मुद्दा उठाया. हालांकि आज मणिपुर और अन्य सभी मुद्दे विपक्ष को याद नहीं है. इसका एक ही कारण है कि इन्हें एक पार्टी ( आम आदमी पार्टी) को अपने गठबंधन में बनाये रखना था.

विपक्ष को लोकतंत्र नहीं, बल्कि गठबंधन की चिंता

शाह ने कहा कि विपक्ष को लोकतंत्र नहीं, बल्कि गठबंधन की चिंता है. केजरीवाल कहीं भाग न जाएं इसकी चिंता विपक्ष को है. अमित शाह ने कहा कि वे दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक बार फिर देश में सरकार बनेगी. वहीं जिस केजरीवाल के लिए गठबंधन का प्रयास चल रहा है वही केजरीवाल बाय-बाय कर गठबंधन से बाहर जाने वाले हैं.

गृहमंत्री ने दिल्ली सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया

विपक्ष की ओर से उठाए सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने दिल्ली सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि देश में एक ही विधानसभा है, जिसका सत्रावसान नहीं होता. केवल राजनीतिक प्रतिद्वंदियों पर हमला करने के लिए एक दिन का सत्र बुला लिया जाता है. विधानसभा केवल बजट पारित करने के लिए बुलाई जाती है. राज्य में कैबिनेट की बैठक नहीं होती है.

शाह ने कहा- फैसले के पूर्व ही दिल्ली सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया

अध्यादेश लाने पर शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पूरी तरह आने से पूर्व ही दिल्ली सरकार ने बहुत तेजी से काम करना शुरू कर दिया. सरकार का निशाना सीधा विजलेंस विभाग पर था. विजलेंस विभाग में कई संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी फाइलें मौजूद हैं. इसमें आबकारी घोटाले, मुख्यमंत्री के नए बंगले पर हुए खर्च, पार्टी प्रचार पर हुए खर्च, खुफिया विभाग से जुड़ी फाइलें थीं.

कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने विधेयक का विरोध किया

इससे पहले कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने विधेयक का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह संघीय ढांचे पर हमला और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप नहीं है. इसके अलावा कई अन्य मसलों पर सरकार को घेरने की कोशिश की गयी. बहस के अंत में लोकसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 ध्वनिमत से पारित होने की घोषणा की.

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