CSR AMOUNT : लोकसभा के बजट सत्र में सांसद संजय सेठ ने झारखंड में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत हुए कार्यों का लेखा-जोखा मांगा. साथ ही उन्होंने लोकसभा में यह सवाल रखा कि इसके नियमों में कोई परिवर्तन किया गया है क्या? और इससे संबंधित क्या दिशा निर्देश दिए गए हैं.
कंपनी नियम 2014 में संशोधन को सूचित किया गया
सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कंपनी नियम 2014 में संशोधन को सूचित किया गया है. इन संशोधनों का उद्देश्य प्रकरणों में सुधार करके इसे और सुदृढ़ बनाना अनुपालन का सरलीकरण करके इसे अधिक से अधिक उपयोगी बनाना है. ताकि सीएसआर के तहत कल्याण के और अधिक कार्य किए जा सके.
झारखंड में कंपनियों ने सीएसआर के तहत कई कार्य किए
CSR AMOUNT : केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि झारखंड में विभिन्न कंपनियों के द्वारा सीएसआर के तहत कई कार्य किए गए हैं, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, गरीबी, भूख कुपोषण मिटाना, ग्रामीण विकास परियोजनाएं, स्वच्छता, वरिष्ठ नागरिक कल्याण, अनाथालय की स्थापना जैसे कई कार्य है. इन कार्यों के तहत जनकल्याण का काम किया गया है.
जिलावार 210 करोड़ रुपये का कार्य किया गया
केंद्रीय मंत्री ने सांसद को लोकसभा में बताया कि झारखंड में सीएसआर के तहत जिलावार 210 करोड़ रुपये का कार्य बीते एक वर्ष में किया गया है. इसमें सबसे अव्वल जमशेदपुर जिला है, जहां 12.30 करोड रुपये खर्च किए गए हैं, वहीं रांची में एक 11.79 करोड रुपये खर्च किए गए हैं. 160 करोड रुपये ऐसे खर्च हुए हैं, जिसका उल्लेख किसी जिले में नहीं किया गया है.
राशि प्राप्त करने में गढ़वा और देवघर फिसड्डी
CSR AMOUNT : सीएसआर की राशि प्राप्त करने में सबसे फिसड्डी गढ़वा और देवघर जिले हैं. इन दोनों जिलों में महज 0.11 रुपये खर्च किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने सांसद को बताया कि एक वर्ष में झारखंड में जो 210 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, उसमें सबसे अधिक राशि स्वच्छता पर खर्च हुई है, जो 57 करोड़ रुपये है. इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य देखभाल पर 48 करोड़, शिक्षा पर 35 करोड़ और ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर 21 करोड़ खर्च हुए हैं.
इसके अतिरिक्त खेल प्रशिक्षण, व्यवसायी कौशल, महिला सशक्तिकरण, कृषि वानिकी, पशु कल्याण, कला संस्कृति, लैंगिक समानता, स्वच्छता, अनाथालय की स्थापना, झुग्गी बस्तियों का विकास सहित कई अन्य कार्यों में भी बड़ी मात्रा में राशि खर्च की गयी है.