रामगढ़ : संगठित अपराध के खिलाफ रामगढ़ पुलिस की कार्रवाई वज्रपात की तरह गिरेगी. जिले में श्रीवास्तव गिरोह, पांडे गिरोह, अमन साहू गिरोह व अन्य गिरोह से ताल्लुकात रखने वाले अपराधियों को तड़ीपार करने की तैयारी कर ली गई है. इस अभियान की समीक्षा बैठक करते हुए सोमवार को एसपी पीयूष पांडे ने बताया कि श्रीवास्तव गिरोह के तीन अपराधियों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है. उन्होंने बताया कि भारत पांडे, छुंकू और शिव शर्मा रामगढ़ जेल में बंद है. उनके द्वारा वहां मोबाइल का इस्तेमाल किया जा रहा था. पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, पुलिस ने जेल में छापेमारी की. हालांकि उस दौरान मोबाइल तो बरामद नहीं हुआ. लेकिन सर्विलेंस से प्राप्त हुए चार मोबाइल नंबर को तत्काल ब्लॉक कर दिया गया.
आईजी कारा महानिरीक्षक को लिखा गया पत्र
एसपी ने बताया कि इस मामले में आईजी कारा महानिरीक्षक को एक पत्र भी लिखा जा चुका है. जिसमें उन तीनों अपराधियों को रामगढ़ जेल से हटाकर दूसरे जिले के जेल में शिफ्ट करने का आग्रह किया गया है. यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी. रामगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अपराधियों की कमर टूट जाएगी. रामगढ़ जेल में अक्सर मुलाकाती के नाम पर गिरोह के सदस्य भी पहुंचते हैं. दूसरे जिले के जेल में उनका यह तार आसानी से जुड़ना मुश्किल है.
पतरातू अनुमंडल में अपराधियों के कब्जे में 150 क्वार्टर चिन्हित
एसपी पीयूष पांडे ने बताया कि संगठित अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए अपराधियों के उन अड्डों को भी निशाना बनाया गया है, जहां वे छुप कर रहते हैं. पतरातू अनुमंडल क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों के कई सरकारी क्वार्टर मौजूद हैं. उन क्वार्टर में अपराधी अवैध तरीके से कब्जा कर अपना अड्डा बन चुके हैं. पुलिस ने ऐसे 150 क्वार्टरों को चिन्हित कर लिया है. उन क्वार्टरों को तत्काल खड़ी करने के लिए विभिन्न कंपनियों के संपदा पदाधिकारी को पत्र भी लिखा जा चुका है. वह सारे क्वार्टर जल्द ही खाली हो जाएंगे.
अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट के साथ बना संपर्क
एसपी ने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट के साथ संपर्क स्थापित किया गया है. कई अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने मॉनिटरिंग कमेटी भी बनाई है. अपराधियों के रिकार्ड्स के आधार पर सजा दिलाने का काम किया जाना है. इसमें कई अपराधी ऐसे भी हैं जिनके बेल रद्द करने के लिए पुलिस ने कोर्ट से अपील की है.
अपराधियों के पिछले 10 वर्षों की गतिविधियों पर भी नजर बनायी गयी
एसपी ने बताया कि अपराधियों के पिछले 10 वर्षों की गतिविधियों पर भी नजर बनाई गई है. यहां कौन अपराधी जेल से बाहर है और उसकी गतिविधि क्या है?कौन जमानत पर निकालकर अपराध की दुनिया में कदम रख चुका है, पुलिस को उसकी भी जानकारी है. संगठित अपराध को खत्म करने के लिए पुलिस ने पतरातू सीडीपीओ के नेतृत्व में एक कमेटी भी बनाई है, जो लगातार इस पर कम कर रही है.