एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप के शुभंकर “जूही” का बढ़ा क्रेज

झारखण्ड राँची

रांची  : झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का हॉकी प्रेमियों में जबरदस्त क्रेज है. मैच की दीवानगी के साथ-साथ इस हॉकी चैंपियनशिप के शुभंकर की दीवानगी भी इन दिनों बढ़ी हुई है. झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का शुभंकर बेतला नेशनल पार्क की सबसे उम्र दराज हथिनी “जूही” को बनाया गया है.

झारखंड एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप 2023 के शुभंकर के तौर पर जूही को ही तय किया गया

पलामू टाइगर रिजर्व नॉर्थ जोन के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश जेना ने बताया कि हथिनी जूही का क्रेज इन दिनों काफी बढ़ गया है. रांची में चल रहे झारखंड एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप 2023 के शुभंकर के तौर पर जूही को ही तय किया गया है. ऐसे में जब से उसका नाम इतने प्रतिष्ठित इंटरनेशनल टूर्नामेंट से जुड़ा है, खेल प्रेमियों से लेकर आम जन तक, सभी उसके बारे में पूछताछ करने लगे हैं. उसकी खोजबीन करते लोग बेतला पार्क तक पहुंच रहे हैं. हर कोई किसी रूप में पार्क में उसके साथ सेल्फी के लिए उतावला हुआ जा रहा है हालांकि वन विभाग अपने स्तर से उसकी सुरक्षा में मुस्तैद है.

करीब तीन साल पहले 25 नवंबर 2020 को जूही हथिनी के पास उसके साथ सबसे लंबा समय गुजारने वाले तत्कालीन रेंजर अर्जुन बड़ाइक (अब सेवानिवृत) पहुंचे थे. बेतला नेशनल पार्क की सबसे बुजुर्ग हथिनी जूही के लिए अपने इस दोस्त से मिलना जबरदस्त अनुभव रहा था. अर्जुन बड़ाइक उसके उन दोस्त में शामिल थे, जिसने उसके साथ लंबा समय गुजारा था. यही वजह था कि उसने बड़ाइक के आगमन पर उसे अपनी सूंड से जोश से उन्हें गले लगाया था.

जूही की याददाश्त बहुत अच्छी है

बड़ाइक, जो दलमा अभयारण्य जाने से पहले 2004 तक बेतला के पलामू टाइगर रिजर्व के रेंजर थे, जब तक वह वहां थे, तब तक जूही के साथ उनके मधुर संबंध थे. जैसे ही 57 वर्षीय बड़ाइक ने जूही हथिनी को उसके नाम से पुकारा, वह “उनकी बेटी की तरह” उसके पास दौड़ी थी. इस मौके पर बड़ाइक ने हाथियों को सबसे सुंदर और बुद्धिमान जानवर करार दिया था. उन्होंने कहा था कि जूही के पास उत्कृष्ट बुद्धि थी. जूही की याददाश्त बहुत अच्छी है क्योंकि वह उसे उसकी आवाज से ही पहचान लेती है.

जूही ने उनकी पत्नी और बेटी से भी दोस्ती कर ली थी

उन्होंने कहा कि जूही ने उनकी पत्नी और बेटी से भी दोस्ती कर ली थी. अर्जुन से मिलते समय जूही को खाने के लिए फल दिए गए, लेकिन उसने कभी भी उससे अपनी नजरें नहीं हटाईं, क्योंकि उसे आभास था कि वह जल्द ही चला जाएगा. अर्जुन बड़ाइक के अनुसार, कई लोग सोचते हैं कि जंगली जानवर कच्चे और जंगली होते हैं. लेकिन अगर उन्हें प्यार मिलता है तो वे जोश और ताकत के साथ इसका जवाब देंगे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 13 अक्टूबर को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023 के शुभंकर का अनावरण किया था. जूही नाम का शुभंकर बेतला नेशनल पार्क की लोकप्रिय हथिनी से प्रेरित है. इस अवसर पर सीएम ने कहा था कि चूंकि झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023 के प्रतिष्ठित आयोजन के लिए आधिकारिक मैस्कॉट जूही को पेश करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं.

शुभंकर हाथी जूही की प्रेरणादायक कहानी है

शुभंकर हाथी जूही की प्रेरणादायक कहानी है, जो सुंदर बेतला राष्ट्रीय उद्यान का पर्याय बन गई है. हजारों पर्यटकों को ले जाने के अलावा जूही ने दशकों तक जंगल में मानव जाति के रक्षक के रूप में भी काम किया. एक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किया. यह हमारे समाज के लोगों में मानव मूल्यों को विकसित करने और हमारे झारखंड राज्य से जुड़े प्रिय वन्य जीवन के बारे में दुनिया भर के हॉकी सितारों के बीच जागरूकता पैदा करने का एक शानदार तरीका है.

शुभंकर के रूप में जूही हाथी खूबसूरत राज्य झारखंड के समृद्ध वन्य जीवन का प्रतीक

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने मौके पर कहा था कि जूही कई वर्षों से झारखंड के लोगों के लिए प्रेरणा रही है. अब वह झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023 के दौरान दुनिया के हॉकी सितारों के लिए प्रेरणा के रूप में काम करने के लिए यहां है. शुभंकर के रूप में जूही हाथी खूबसूरत राज्य झारखंड के समृद्ध वन्य जीवन का प्रतीक है. हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है.

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