रांची : झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोईया संघ ने मोरहाबादी के बापू वाटिका के सामने शुक्रवार को एक दिवसीय धरना दिया. संघ की महिलाओं ने 10 हजार मासिक वेतन सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. संघ की प्रदेश महासचिव अनिता देवी ने कहा कि झारखंड में लगभग 80 हजार रसोईया काम कर रही हैं.
रसोईया संघ की महिलाएं राज्य के 3032 हजार सरकारी स्कूलों में बच्चों (कक्षा 6 से 8) को खाना बनाकर खिलाती हैं. 12 महीने सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक काम करना पड़ता है. लेकिन इसके एवज में हर माह सिर्फ दो हजार ही मिलते हैं. वह भी चारपांच महीना बाद वेतन दिया जाता है. उनका कहना है कि इस काम में न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है. महिलाओं का कहना है कि एक तरफ सरकार मंईयां योजना ते तहत बिना किसी काम के महिलाओं को एक हजार महीना दे रही है. वहीं दूसरी तरफ काम करने के बाद भी रसोइयां का मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा है. धरना में प्रदेश सचिव मनोज कुमार कुशवाहा, प्रदेश उपाध्यक्ष भुंडा बास्की, उषा देवी, सुनीता मुर्मू, चंपा देवी सहित अन्य महिलाएं मौजूद थीं.
ये हैं प्रमुख मांगें
रसोइयां बहनों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाये.
हर माह 10 हजार मासिक वेतन दिया जाये.
रसोईयों को हर माह समय पर मानदेय का भुगतान किया जाये.
ड्रेस कोड लागू कर साल में दो सेट कॉर्टन साड़ी दिया जाये.
रिटारमेंट के बाद पेंशन लागू किया जाये.
मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी को हल करने के लिए हेल्प डेस्क बनाया जाये.
मध्याह्न भोजन बनाने और सुरक्षित रखने के लिए जरुरत के अनुसार बर्तन और पानी की व्यवस्था किया जाये.
न्यूनतम मानदेय 21 हजार किया जाये.
दुर्घटना बीमा सुनिश्चित की जाये.