रांची : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग के दल को आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी मांगों एवं सुझावों से अवगत कराया.
इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि कांग्रेस की ओर से वरीय कांग्रेस नेता विनय सिन्हा ‘दीपू’ और शशिभूषण राय के दो सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर कांग्रेस का पक्ष रखा. शांति ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग के दल से झारखंड में समय पर चुनाव कराने तथा पूरे झारखंड में एक चरण में ही चुनाव संपन्न कराने सहित अन्य मांगों को रखा.
उन्होंने कहा कि झारखंड में विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है तो समय पूर्व चुनाव कराने की कोई हड़बड़ी झारखंड में नहीं है. समय से पहले चुनाव कराने से विकास कार्य बाधित होंगे, चालू योजनाओं की गतिशीलता में कमी आएगी. लोकसभा चुनाव और मानसून के कारण इस वित्तीय वर्ष में विकास कार्यों की रफ्तार ने अभी जोर पकड़ना प्रारंभ किया है. अगले अक्टूबर माह में झारखंड में दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ जैसे बड़े त्योहार के कारण भी सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों के सामंजस्यता में कमी आएगी.
शांति ने कहा कि त्योहारों के कारण लोकतंत्र के महापर्व में जनभागीदारी कम होने की संभावना है. त्योहारों के कारण बड़ी संख्या में लोग राज्य के बाहर जाते हैं. राज्य स्थापना दिवस, त्यौहार, भगवान बिरसा मुंडा जयंती को ध्यान में रखकर चुनाव की तिथि नवंबर के बाद तय की जाए. आयोग की टीम से हरियाणा की तर्ज पर झारखंड में भी एक चरण में चुनाव संपन्न कराने की मांग की गई ताकि सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की मनसा रखने वाले अलग-अलग चरणों में संपन्न होने वाले चुनाव में धार्मिक तथा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का रास्ता ना अपना सके. चुनावों के दौरान सांप्रदायिक जहर उगलने वाले धार्मिक और जातिगत बयान देने वाले नेताओं पर गहरी नजर रखी जाए और उन्हें चुनावी प्रक्रिया से दूर रखा जाए. साथ ही चुनाव के दौरान उनके झारखंड प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए.
शांति ने कहा कि इसके अलावा कांग्रेस ने चुनाव आयोग से 1500 से ज्यादा मतदाता होने पर नये बूथ का निर्माण, मतदाताओं के मतदान के लिए निकटतम बूथ की व्यवस्था, मतगणना में तीव्रता और परिणाम की घोषणा मतदान के 10 मिनट के अंदर करने,सोशल मीडिया पर गहरी नजर रखने मॉक पोलिंग की निष्पक्षता,हेट स्पीच पर गहरी नजर एवं त्वरित कार्रवाई, 60 वर्ष से ज्यादा बुजुर्ग मतदाताओं को मतदान में प्राथमिकता सहित 26 मांगों एवं सुझावों से अवगत कराया गया.