रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को रांची के बहुमंजिला इमारतो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच के लिए छह अधिवक्ताओं की कमेटी बनाई है. इस कमेटी में अधिवक्ता कुमार हर्ष, तरुण कुमार महतो, राहुल आनंद, आसिफ खान, बजरंग कुमार एवं अभिजीत शामिल हैं. यह कमेटी औचक निरीक्षण कर रांची शहर के 648 मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग(जी प्लस 5) में रेन वाटर हार्वेस्टिंग चालू स्थिति में है या नहीं इसकी जांच करेगी.
अधिवक्ताओं की छह सदस्य वाली इस कमेटी का नेतृत्व अधिवक्ता पीएएस पति एवं विभाष सिन्हा करेंगे. अधिवक्ताओं की कमेटी के साथ रांची नगर निगम के तीन अभियंता भी रहेंगे, जो तकनीकी रूप से अधिवक्ताओं की कमेटी को सहयोग करेंगे. अधिवक्ताओं की कमेटी द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच पड़ताल के बाद कमेटी के नेतृत्वकर्ता पीएएस पति एवं विभाष सिन्हा हाई कोर्ट को मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के संबंध में रिपोर्ट देंगे.
हाई कोर्ट ने रांची डीसी को निर्देश दिया है कि कमेटी को कार्य करने में किसी तरह की कोई बाधा ना आए इसके लिए वह एक नोडल अधिकारी नामित करें. हाई कोर्ट ने रांची नगर निगम को भी रांची शहर के जी प्लस तीन भवनों एवं जी प्लस चार भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग के संबंध में सर्वे कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. रांची के जलस्रोतों के संरक्षण एवं रांची के तीन डैम की साफ-सफाई और उसे अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर हाई कोर्ट जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है.
हाई कोर्ट में पूर्व की सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राजधानी रांची के 710 बहुमंजिला इमारतों (जी प्लस 5) में से 648 बहुमंजिला इमारतो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग किया जा चुका है, जिस पर कोर्ट ने उनसे पूछा था कि जिन बहुमंजिला इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना है वह मेंटेन होता है या नहीं. मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी.