नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के समन को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट जाने को कहा. कोर्ट के रुख को देखते हुए सोरेन ने याचिका वापस ले ली.
सोरेन के खिलाफ झारखंड में माइनिंग लीज मामले की भी जांच चल रही
ईडी ने सोरेन को 14 अगस्त और 24 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे. अब उन्होंने ईडी के समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सोरेन को एक भूमि घोटाले के मामले में समन जारी किये गए थे. सोरेन के खिलाफ झारखंड में माइनिंग लीज मामले की भी जांच चल रही है. हालांकि, इस मामले में सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है.
23 अगस्त को दायर किया है रिट पीटिशन
सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी की ओर से जारी समन को चुनौती दी है. उन्होंने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर कर ईडी द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी है. इसी दिन ईडी को पत्र लिखकर उन्होंने कोर्ट का फैसला आने तक अपनी कार्यवाही स्थगित रखने का अनुरोध किया है. सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दायर रिट याचिका में ईडी पर दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है.
सीएम हेमंत सोरेन को ईडी क्यों भेज रही समन
सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए भेजे गए अब तक के जितने भी समन हैं, उसका आधार 13 और 26 अप्रैल 2023 को की गई छापेमारी है. ईडी ने 13 अप्रैल को छापेमारी के दौरान राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के घर से बक्सों में भरकर रख गए जमीन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए थे. इनमें काटछाँट करके और जालसाजी कर असली मालिक का नाम काटकर दूसरे का नाम लिखने का मामला प्रकाश में आया था. प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तावेज में छेड़छाड़ सहित अन्य बिंदुओं के सिलसिले में मिली सूचनाओं को पीएमएलए की धारा 66 (2) के तहत सरकार से साझा किया था. इस मामले में सरकार के आदेश पर सदर थाने में प्राथमिकी (272/23) दर्ज कराई गई थी. यही वह प्राथमिक है जिसके आधार पर सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय समन भेज रही है.