रांची

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में CM हेमंत सोरेन ने रखीं 31 अहम मांगें, ‘मैयां सम्मान योजना’ का भी एलान

रांची, 10 जुलाई 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में राज्य की ओर से 31 महत्वपूर्ण मुद्दों और मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष रखा। बैठक में झारखंड के साथ-साथ बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।

मुख्यमंत्री ने इन चार राज्यों की साझा सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक चुनौतियों को रेखांकित करते हुए क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देने पर ज़ोर दिया।


‘मैयां सम्मान योजना’ का एलान, महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह

मुख्यमंत्री ने एक बड़ी सामाजिक योजना का ऐलान करते हुए कहा कि राज्य सरकार 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को ₹2500 मासिक आर्थिक सहायता देने के लिए ‘मैयां सम्मान योजना’ शुरू करने जा रही है। उन्होंने इस योजना के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहयोग की भी मांग की।


खनन क्षेत्र और लंबित रॉयल्टी पर फोकस

सीएम ने कोल कंपनियों से ₹1.40 लाख करोड़ की लंबित रॉयल्टी की वसूली की मांग उठाई। साथ ही DMFT नीति में सुधार, बंद खदानों के सुरक्षित बंदीकरण और PSU में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।


शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष पहल

मुख्यमंत्री ने झारखंड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी, RIMS-2, और नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में केंद्र सरकार से सहायता मांगी। उन्होंने SC/ST/OBC छात्रों के लिए छात्रवृत्तियों में केंद्र की भागीदारी बढ़ाने की मांग भी रखी।


इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर ज़ोर

बैठक में मुख्यमंत्री ने साहेबगंज-रांची एक्सप्रेसवे, रांची मेट्रो परियोजना, और रेलवे विस्तार को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। इसके अलावा रामरेखा धाम को रामायण सर्किट और झारखंड के बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की मांग भी शामिल रही।


सामाजिक सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन योजनाएं

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा मजदूरी, और पेंशन योजनाओं को महंगाई के अनुसार संशोधित करने की जरूरत बताई। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 15 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा की योजना का भी प्रस्ताव रखा।


जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की पहल

हेमंत सोरेन ने दामोदर नदी को ‘नमामि गंगे’ योजना में शामिल करने और सिंचाई परियोजनाओं में केंद्र की भागीदारी की मांग की।


संवैधानिक अधिकार और संघीय संतुलन की वकालत

मुख्यमंत्री ने CBA एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि खनन के बाद भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार को मिलना चाहिए। उन्होंने COMFED, होटल अशोक जैसी साझा परिसंपत्तियों के बंटवारे के लिए स्पष्ट नीति बनाए जाने की आवश्यकता भी जताई।


मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा:

झारखंड के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग नितांत आवश्यक है। ये सभी मांगें राज्य की जनता के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में निर्णायक कदम हैं।

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