रांची : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) मिथिलेश कुमार सिंह की अदालत में गुरुवार को रांची हिंसा के आरोपित मोहम्मद शकील उर्फ कारू की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने शकील को जमानत देने से इंकार कर दिया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया. इसके बाद अदालत में जमानत देने से इनकार करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी.
इसकी जांच सीआईडी ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू कर दी है
उल्लेखनीय है कि अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने पिछले दिनों शकील उर्फ कारू से जेल में पूछताछ भी की है. शकील को डेली मार्केट थाना में दर्ज कांड संख्या 17/22 में भी आरोपित बनाया गया है. इसकी जांच सीआईडी ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू कर दी है. इस केस के सूचक रांची के तत्कालीन टाउन सीओ अमित भगत हैं.
प्राथमिकी में आठ हजार अज्ञात लोग को आरोपित बनाया गया
उनके आवेदन के आधार पर दर्ज की गयी प्राथमिकी में नदीम अंसारी, शाहबाज, शदाब, सद्दाम हुसैन, शबीर अंसारी, जमाल गद्दी सहित 22 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है. साथ ही आठ हजार अज्ञात लोग को आरोपित बनाया गया हैं. प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया है कि सोची-समझी साजिश के तहत दस जून को रांची के मेन रोड में हिंसा की गयी. मंदिर पर पथराव और तोड़फोड़ की गयी. साथ ही पुलिसकर्मियों से उनके हथियार छीनने की कोशिश की गयी और उनपर जान लेने की नीयत से फायरिंग की गयी.