रांची : आज राँची स्थित संत मरिया महागिरजाघर में महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो येसु सामाजी ने ख्रीस्मा मिस्सा संपन किया . यह पवित्र मिस्सा वर्ष में मात्र एक दिन ही होता है. इस मिस्स्सा बलिदान में धर्मप्रांत के सभी पुरोहित धर्माध्यक्ष के साथ मिस्सा बलिदान में भाग लेते हैं.
पुरोहितों और धर्माध्यक्ष के बीच घनिष्ठता दर्शाता है समारोह
यह समारोह पुरोहितों और धर्माध्यक्ष के बीच के घनिष्ट सम्बन्ध को दर्शाता है. इस समारोह में सभी पुरोहित गण अपने पुरोहिताई समर्पण का नवीनीकरण करते हैं. आर्चबिशप ने अपने सन्देश में कहा कि एक पुरोहित का जीवन बुलाहट का जीवन और यह जीवन दूसरों की सेवा के लिए है.
पुरोहितों को याद दिलाया- महिमा और गरिमा बनाये रखें
उन्होंने सभी पुरोहितों को याद दिलाया कि वे अपनी इस सेवा के जीवन की महिमा और गरिमा को बनाये रखें और येसु की भांति विनम्रता पूर्वक लोगों की सेवा करें. उन्होंने लोकधार्मियों से आग्रह किया के वे पुरोहितों के लिए प्रार्थना करें और उनकी सहायता करें.
इस मिस्सा के दौरान तीन पवित्र तेलों की भी आशिष की की जाती है जिसका प्रयोग विभिन्न कैथोलिक संस्कारों में किया जाता है.
पहला तेल – (The Oi. of Catechumens) दीक्षार्थियों का तेल : इस तेल के अभ्यंजन द्वारा नवदीक्षितों को बपतिस्मा दिया जाता है.
दूसरा तेल – (The Oi. of the Sick) बीमारों का तेल : इस तेल का प्रयोग और अभ्यंजन द्वारा बीमारों को चंगा किया जाता है ताकि उन्हें इश्वरीय सांत्वना, धीरज और शक्ति मिले.
तीसरा तेल (The oi. for the ho.y Chrism) पवित्र विलेपन का तेल : इस पवित्र तेल का प्रयोग और अभ्यंजन पुरोहित-अभिषेक एवं दृढी़करण संस्कार के उम्मीदवारों को, अभ्यंजित किया जाता है. यह पवित्र विलेपन, नए गिरजा घरो कि बेदी, या पात्रो के अभ्यंजन के लिए किया जाता है.
समारोह की अगुवाई आर्चबिशप ने की
इस समारोह की अगुवाई आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने की. उनके साथ सहायक बिशप थिओडोर मसकरेनहस एस एफ एक्स, रांची महाधर्मप्रांत के विकार जेनेरल फा. सेबेस्टियन तिर्की, रांची पल्ली के पल्ली पुरोहित फा. आनंद डेविड, फा. दिलीप, राँची महाधर्मप्रांत के पल्लियों और संस्थानों में कार्यरत पुरोहितों, धर्म बहनों और विश्वासियों ने ख्रीस्मा मिस्सा में भाग लिया.