मुख्य सचिव ने दिए निर्देश: सभी विभाग 2026 से पहले अपनाएं त्रुटिरहित ई-ऑफिस प्रणाली
रांची, 14 जुलाई — झारखंड सरकार की डिजिटल गवर्नेंस को नई दिशा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य के आइटी विभाग को निर्देश दिया है कि ई-ऑफिस सिस्टम को जनवरी 2026 तक 100% त्रुटिहीन बनाया जाए। सोमवार को उन्होंने सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक कर इस योजना की प्रगति की गहन समीक्षा की।
🗂️ क्या है ई-ऑफिस सिस्टम?
ई-ऑफिस राज्य सरकार का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसके ज़रिए सरकारी फाइलों और कार्यों का निपटारा पूरी तरह पेपरलेस और ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा। इसका मकसद प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज, पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।
🔍 मुख्य सचिव ने दिए अहम निर्देश
मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया:
- सभी विभाग जनवरी 2026 से पहले ई-ऑफिस सिस्टम को पूरी तरह लागू करें
- साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए ताकि कोई भी फाइल साइबर फ्रॉड का शिकार न हो
- पुरानी सभी फाइलों को स्कैन कर PDF फॉर्मेट में अपलोड किया जाए
- फिजिकल फाइल पढ़कर डिजिटल निर्णय लेने की नौबत न आए
- तकनीकी व्यवस्था इतनी सहज हो कि ऑफिस से बाहर रहकर भी अधिकारी काम कर सकें
👨💻 किस-किस विभाग में हो चुका है काम शुरू?
फिलहाल राज्य सरकार के चार प्रमुख विभागों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू हो चुका है:
- कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग
- वित्त विभाग
- आईटी एवं ई-गवर्नेंस विभाग
- उच्च शिक्षा विभाग
इन विभागों में कार्यरत अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अन्य विभागों को भी जल्द इस प्रणाली में शामिल किया जाएगा।
📈 ई-ऑफिस सिस्टम के प्रमुख लाभ
- सभी फाइलें एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी
- भौतिक फाइलों के रख-रखाव की जरूरत नहीं
- आग, बाढ़, कीड़े, चूहे और फंगस से बचाव
- निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी
- पारदर्शिता बढ़ेगी, भ्रष्टाचार की गुंजाइश घटेगी
- पेपरलेस प्रक्रिया से पर्यावरण को लाभ
- रेड टैपिंग से मुक्ति और कार्यकुशलता में इजाफा
📅 आगे की योजना
रेलटेल, एनआईसी और जैपआइटी जैसे तकनीकी साझेदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे एक टाइमलाइन तय कर इस योजना को चरणबद्ध ढंग से लागू करें। सभी विभागों को अपने अधिकारियों के लिए ईमेल आईडी तैयार करने और प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
