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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मॉडल अस्पताल का किया लोकार्पण

बिहार

सूबे के मुखिया नीतीश कुमार समाधान यात्रा के तहत गुरुवार को सहरसा पहुंचे. सहरसा पहुंचने के बाद पुलिस लाइन मैदान में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई. इसके बाद उपस्थित सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर हाल समाचार जाना. जहां कार्यकर्ताओं ने उन्हें गुलदस्ता देकर उनका भव्य स्वागत किया. सहरसा पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री सीधे कहरा प्रखंड के बलहा पट्टी गढ़िया पंचायत सरकार भवन के लिए रवाना हुए.यहां ग्रामीणों से संवाद के साथ-साथ उन्होंने पंचायत में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बलहा पट्टी ग्राम कचहरी का ऑनलाइन संचालन करने के लिए उद्घाटन किया. इसके अलावा अमृत सरोवर को जीविका दीदियों को मछली और बत्तख पालन को लेकर तलाब का लोकार्पण किया गया. मुख्यमंत्री के सहरसा आगमन को लेकर बलहा पट्टी पंचायत को दुल्हन की तरह सजाया गया था.

जीविका दीदियों द्वारा चलाए जा रहे कार्यों का जायजा लिया

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों द्वारा चलाए जा रहे कार्यों का जायजा लिया. साथ ही जलजमाव दूर करने के लिए उन्होंने कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए. समाधान यात्रा के दौरान बलहा पट्टी पहुंचने के दौरान पंचायत में चलाए गए करोड़ों रुपए राशि की विकास योजनाओं का अवलोकन किया. जिसमें विभिन्न विभागों से कराए गए जल जीवन हरियाली के तहत कार्य, नल जल योजना, सोलर लाइट बिजली सहित अन्य योजना का अवलोकन किया. साथ ही साथ योजना के तहत पंचायत भवन के सामने बनाए गए अमृत सरोवर पोखर को मत्स्य पालन एवं बत्तख पालन के लिए जीविका को सुपुर्द किया.

पेपरलेस ग्राम कचहरी का उद्घाटन

पंचायत भवन में ग्राम कचहरी को कंप्यूटर से लैस मॉडल रूप देते हुए पेपरलेस ग्राम कचहरी का उद्घाटन किया. इसके बाद बलहा पट्टी में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर करारा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार सरकार को तवज्जो नहीं दे रही है. वही बजट में भी मनरेगा, किसान निधि तथा अन्य योजनाओं में कटौती किए जाने पर एतराज जताया.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कथनी और करनी में काफी अंतर है.

मनरेगा में 73 हजार लाख का प्रावधान था, जो घटा दिया गया

उन्होंने कहा कि मनरेगा में पहले 73 हजार लाख रुपया का प्रावधान था जिसे घटाकर 60 हजार लाख रुपए कर दिया गया है. उसी प्रकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 68000 लाख से घटाकर ₹60000 कर दिया गया है. वहीं कृषि सिंचाई योजना में भी कटौती की गई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण चीजों पर भी इस बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य के लिए कुछ नहीं किया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों के हित में काम नहीं हो रहा है.

सप्त ऋषि योजना से क्या होने वाला है

उन्होंने कहा कि केंद्र एक सप्त ऋषि योजना लाई है इससे क्या होने वाला है. केंद्रीय बजट में बिहार को बहुत कुछ मिलने के भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा बिहार को कहां कुछ मिला है. उनके नाम पर हमसे क्यों पूछते हैं वह तो ऐसे ही बोलते रहेंगे. कुछ से कुछ बोलते रहना ही उनकी ड्यूटी है. कुछ ना कुछ बोलने से उनको कोई लाभ मिल जाए तो अच्छी बात है. जितना अनाप-शनाप बोलना है बोलते रहिए. पिछले बार उनको उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था तो मुझे दुख हुआ था. उनके बोलने का कोई अर्थ नहीं है.

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