पूर्णिया हत्याकांड पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने जताई गहरी चिंता, कहा- आदिवासी अस्मिता पर हमला
रांची/पूर्णिया, 8 जुलाई 2025: बिहार के पूर्णिया जिले में हुए जघन्य हत्याकांड पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गहरी चिंता जताई है। इस दिल दहला देने वाली घटना में एक ही परिवार के पांच लोगों को डायन बताकर पीट-पीटकर जिंदा जला दिया गया, जिससे पूरे आदिवासी समाज में आक्रोश और भय का माहौल है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की सख्त कार्रवाई की मांग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस निर्मम घटना के दोषियों को कड़ी सजा देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं मानवता और संविधान दोनों पर हमला हैं और इन्हें किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मंत्री इरफान अंसारी ने घटना को बताया आदिवासी अस्मिता पर हमला
झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस हृदयविदारक हत्याकांड की कड़ी निंदा करते हुए इसे “मानवता पर कलंक” और “आदिवासी अस्मिता पर सीधा हमला” बताया है। उन्होंने कहा:
“भाजपा शासित बिहार में आदिवासी समाज पूरी तरह असुरक्षित हो गया है। यह घटना न केवल दर्दनाक है बल्कि आदिवासी समुदाय के अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी है।”
उच्चस्तरीय जांच और प्रतिनिधिमंडल की मांग
डॉ. अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि झारखंड सरकार की ओर से एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया जाए, जिसमें वे स्वयं भी शामिल हों, ताकि पीड़ितों के गांव जाकर जमीनी हालात का आकलन किया जा सके और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाया जा सके।
उन्होंने बिहार सरकार और केंद्र सरकार से निष्पक्ष जांच, दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा सुनिश्चित करने की मांग की। साथ ही, इस मुद्दे को शीर्ष प्राथमिकता पर लेकर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
क्या है पूर्णिया हत्याकांड?
घटना 6 जुलाई की रात की है, जब बिहार के पूर्णिया जिले के टेटगमा गांव (रजीगंज पंचायत, मुफस्सिल थाना क्षेत्र) में कुछ ग्रामीणों ने एक परिवार के पांच लोगों को डायन बताकर जिंदा जला दिया। मृतकों में घर का मुखिया, उसकी पत्नी, बेटा-बहू और वृद्ध मां शामिल थीं।
यह घटना अंधविश्वास, सामाजिक कुरीति और प्रशासनिक लापरवाही का खतरनाक मिश्रण है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है।
