उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ
रांची : लोक आस्था और श्रद्धा का चार दिवसीय महापर्व छठ रविवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ शांतिपूर्ण और भक्तिमय माहौल में संपन्न हो गया। राजधानी रांची सहित पूरे जिले के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में छठ व्रत के अंतिम दिन सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती नज़र आईं।
सूर्योदय के समय घाटों पर “छठ मइया के जयकारे” से वातावरण गूंज उठा। स्वर्णरेखा नदी, कांके डैम, हटिया तालाब, और धुर्वा डैम समेत शहर के प्रमुख छठ घाटों पर भक्तों का सैलाब देखने को मिला।
प्रशासन ने की थी पुख्ता व्यवस्था
जिला प्रशासन की ओर से छठ पर्व को लेकर सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात की व्यापक व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल, एनडीआरएफ और स्वच्छता कर्मी पूरी रात मुस्तैद रहे। घाटों पर अतिरिक्त प्रकाश की व्यवस्था, मेडिकल टीम और नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय रहे।
धर्मेंद्र गिरी ने अर्पित किया अर्घ्य
इस अवसर पर धर्मेंद्र गिरी ने अपनी पत्नी के साथ स्वर्णरेखा नदी स्थित छठ घाट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। उन्होंने भगवान भास्कर से जिलावासियों की सुख, शांति और समृद्धि की मंगलकामना की।
भक्ति और अनुशासन का संगम
पूरे आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं में अनुशासन और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। कहीं भक्त भजन-कीर्तन में लीन थे तो कहीं छोटे बच्चे टोकरी और दउरा लिए अपने माता-पिता का साथ दे रहे थे। वातावरण में लोकगीतों की मधुर धुन और अगरबत्ती की सुगंध फैली रही।
सफल आयोजन पर प्रशासन को धन्यवाद
स्थानीय नागरिकों ने छठ पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम की व्यवस्था की सराहना की। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन श्रद्धा, संयम और भक्ति की सुंदर मिसाल बनकर हुआ।
