अवैध खनन मामले में भगवान भगत, टिंकल भगत और कृष्णा साहा पर आरोप गठित

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रांची : साहिबगंज में 1250 करोड़ के अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा के सहयोगी भगवान भगत, टिंकल भगत और कृष्णा साहा के खिलाफ ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट में गुरुवार को आरोप गठित किया गया. अब इनके खिलाफ मुकदमा चलेगा. ईडी की ओर से मामले में गवाह प्रस्तुत किए जाएंगे. आरोप गठन के दौरान आरोपितों ने खुद को बेकसूर बताया. मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.

आरोपितों ने इसे बेबुनियाद बताया

कोर्ट ने इनपर लगे आरोपों को पढ़कर सुनाया. आरोपितों ने इसे बेबुनियाद बताया. ईडी कोर्ट इन तीनों की डिस्चार्ज पिटिशन पूर्व में खारिज कर चुका है. मामले में भगवान भगत, टिंकल भगत एवं कृष्णा साहा सहित अन्य के खिलाफ ईडी ने इसीआईआर 4/2022 दर्ज किया है. कृष्णा साहा को इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिल चुकी है. भगवान एवं टिंकल भगत ईडी के न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.

भगवान भगत अपनी कंपनियों के जरिए पत्थर का कारोबार करता था

भगवान भगत अपनी कंपनियों के जरिए पत्थर का कारोबार करता था. वह मामले के एक अन्य आरोपित पंकज मिश्रा का काम देखता था. आठ जुलाई, 2022 को ईडी की छापेमारी में भगवान भगत के घर से 28.50 लाख रुपये मिले थे. भगवान भगत और टिंकल भगत को ईडी ने 7 जुलाई, 2023 को गिरफ्तार किया था. भगवान भगत, टिंकल भगत और कृष्णा साहा पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का खास सहयोगी माना माने जाते हैं.

टिंकल और कृष्ण भगत अवैध खनन के पैसे पंकज मिश्रा को भी पहुंचाते थे

टिंकल और कृष्ण भगत अवैध खनन के पैसे पंकज मिश्रा को भी पहुंचाते थे. पांच जुलाई, 2023 को 10 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने अवैध खान मामले में कृष्णा साहा को देर रात गिरफ्तार कर लिया था. अवैध पत्थर खनन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी कृष्णा कुमार के ठिकाने पर जुलाई 2022 में छापेमारी की थी. कृष्णा कुमार साहा साहिबगंज जिले के बड़हरवा निवासी हैं.

कृष्णा साहा के अवैध पत्थर खदान में दो मजदूरों की दुर्घटना में मौत हो गई थी. जांच के क्रम में ईडी ने पूर्व में कृष्णा साहा के बड़हरवा के चंपांडे मौजा के पत्थर खदान की ड्रोन से मापी ली थी. वहां के कर्मियों के मोबाइल और कागजात भी जब्त किए गए थे. छानबीन में जानकारी मिली थी कि लीज एरिया से कई गुणा अधिक खनन किया गया है.

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