इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन सक्सेसफुली लॉन्च कर दिया है. 14 जुलाई दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया है. 16 मिनट बाद रॉकेट ने इसे पृथ्वी की ऑर्बिट में प्लेस कर दिया. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस सक्सेसफुल लॉन्च पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान की 23 अगस्त, शाम 5.47 बजे IST पर चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी.
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान 3 एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है…लैंडिंग बहुत महत्वपूर्ण है. जब तक आप नहीं उतरते, आप नमूने नहीं ले सकते, आप इंसानों को नहीं उतार सकते, आप चंद्रमा के आधार नहीं बना सकते इसलिए आगे की खोज के लिए लैंडिंग एक महत्वपूर्ण कदम है.
ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने आगे कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो. फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती है जो हमने समीक्षा और टेस्ट द्वारा पता लगाया. तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की. मैं इस कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं.
प्रेरणा चंद्रा (प्रोग्रामिंग मैनेजर, नेहरू तारामंडल, दिल्ली) ने कहा कि चंद्रयान 3 को लेकर इसरो के साथ-साथ सभी भारतीयों में उत्साह था. रॉकेट ने सभी चरणों को पार कर लिया है. यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा. लैंडिंग के बाद रोवर अपना कार्य शुरू करेगा जो पिछली बार नहीं हो पाया था.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. इसरो टीम और वे सभी लोगों को बधाई जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम किया. यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. चंद्र मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं.