रांची : फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के लैंड रिफॉर्म्स उप समिति की बैठक आज चैंबर भवन में संपन्न हुई. राज्य में उद्योग-व्यापार के लिए भूमि की आसान उपलब्धता नहीं होने के कारण डेवलपमेंट का कार्य प्रभावित होने की बात पर बैठक में विधिवत् चर्चा की गई. इस बात पर जोर देते हुए कहा गया कि प्रदेश के सभी जिलों में लैंड बैंक बनाकर उद्योग व्यापार के लिए 100-100 एकड के भूखंड केवल उद्योगों के लिए उपलब्ध कराया जाय. इससे छोटे-छोटे व्यवसाय, उद्योग एवं गृह उद्योगों को बढ़ावा मिल सकेगा. चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि राज्य में गैर मजरूआ भूमि का म्युटेशन रसीद कटने की पूर्व प्रक्रिया को पुनः बहाल करना अतिआवश्यक है. ऐसी प्रक्रिया पडोसी राज्य बिहार में भी लागू है. व्यापारियों की समस्या को देखते हुए उन्होंने यह भी कहा कि खासमहल भूमि को जिलावार एक उचित शुल्क लेकर लीज रिन्यूअल किये जाने की प्रक्रिया पर भी विचार आवश्यक है. इससे खासमहल भूमि से प्रभावित जिलों का विकास तीव्र गति से संभव होगा.
लैंड रिफॉर्म उप समिति के चेयरमेन रमेश कुमार साहू ने कहा कि झारखण्ड में सीएनटी एसपीटी एक्ट के रहते हुए भूमि की भारी कमी बनी हुई है. ऐसी परिस्थिति में गैर मजरूआ भूमि को पहले की तरह सुचारू रूप से रसीद काटने की प्रक्रिया को चालू करना चाहिए. चर्चाओं के क्रम में यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही चैंबर प्रतिनिधिमंडल द्वारा विभागीय सचिव से मिलकर मांग की जाएगी कि गैर मजरूआ भूमि से संबंधित कितने आवेदन पेंडिंग हैं. यह भी मांग की जायेगी कि सभी तरह के गैर मजरूआ मालिक भूमि का रसीद काटा जाय.
चैंबर महासचिव परेश गट्टानी ने कहा कि वर्ष 2012 से पूर्व गैर मजरूआ भूमि पर जिस प्रकार निबंधन और दाखिल खारिज की व्यवस्था थी, वही व्यवस्था पुनः बहाल करनी चाहिए तथा उसपर निबंधन और दाखिल खारिज की रोक हटानी चाहिए ताकि उस भूमि के एवज में आसानी से बैंक लोगों को लोन दे सकें और उस भूमि पर उद्योग लग सकें. सह सचिव अमित शर्मा ने व्यापार उद्योग लगाने में भूमि से संबंधित आनेवाली अडचनों पर चर्चा की.
बैठक में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव शैलेष अग्रवाल, उप समिति चेयरमेन रमेश कुमार साहू, कार्तिक प्रभात, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण लोहिया, रोहित पोद्दार, नवजोत अलंग, साहित्य पवन, सदस्य अमन चौरसिया, आनंद जालान, किशन अग्रवाल, अधिवक्ता सुनिल अग्रवाल, अनिस सिंह, जसविंदर सिंह उपस्थित थे.