Chaitra Navratri 2023

Chaitra Navratri 2023 : कल दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की होगी आराधना

धर्म

Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्र शुरू हो गया है. चारों तरफ मां दुर्गे की आराधना की धूम है. मंदिरों में भीड़ शुरू हो गयी है. सुबह- शाम आरती में अच्छी- खासी भीड़ उमड़ रही है. लोग नौ दिनों तक आराधना में लीन रहेंगे. अभी लेकर रामनवमी तक शहर से लेकर गांवों में भी अच्छा आयोजन किया जा रहा है.

पहले दिन शैलपुत्री की हुई पूजा

आज पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना की गयी. कल द्वितीय दिवस है. मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की आराधना की जायेगी. कल शाम तक द्वितीया तिथि है. मां ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करनेवाली. माता का यह स्वरूप मनचाहा फल देनेवाला है.

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.

देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा..

ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नम:॥

सफेद वस्त्र धारण किये हुए मां ब्रह्मचारिणी के दो हाथों में से दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल है. इनकी पूजा से व्यक्ति के अंदर जप-तप की शक्ति बढ़ती है. मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को संदेश देती हैं कि परिश्रम से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है. कहते हैं आज जो भी व्यक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है, वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में जीतने की शक्ति हासिल कर सकता है. इससे व्यक्ति के अंदर संयम, धैर्य और परिश्रम करने के लिए मनोबल की भी बढ़ोतरी होती है.

मां ब्रह्मचारिणी को तपश्चारिणी भी कहा जाता है

Chaitra Navratri 2023 : मान्यताओं के मुताबिक, नारद जी के उपदेश के बाद मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी, इसलिए इन्हें तपश्चारिणी भी कहा जाता है. मां ब्रह्मचारिणी कई हजार वर्षों तक जमीन पर गिरे बेलपत्रों को खाकर भगवान शंकर की आराधना करती रहीं और बाद में उन्होंने पत्तों को खाना भी छोड़ दिया, जिससे उनका एक नाम अपर्णा भी पड़ा.

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