नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से “हल्के मोटर वाहन” के संबंध में ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले व्यक्ति द्वारा परिवहन और माल वाहन चलाने से संबंधित याचिका पर विचार करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि लोगों की आजीविका पर भी सरकार को विचार करना चाहिए. देश भर में ऐसे लाखों ड्राइवर हो सकते हैं, जो देवांगन फैसले के आधार पर काम कर रहे हैं. यह कोई संवैधानिक मुद्दा नहीं है. यह पूरी तरह से एक वैधानिक मुद्दा है.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा, “सड़क सुरक्षा को कानून के सामाजिक उद्देश्य के साथ संतुलित किया जाना चाहिए और आपको यह देखना होगा कि क्या यह गंभीर कठिनाइयों का कारण बनता है, हम सामाजिक नीति के मुद्दों को एक साथ तय नहीं कर सकते.
केंद्र और सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इस मुद्दे पर पहले से ही विचार-विमर्श चल रहा है और उन्होंने अदालत से किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कुछ समय देने का आग्रह किया.