आक्रोश मार्च के बहाने BJP ने दिखाई ताकत, आदिवासी मुद्दों पर सरकार को घेरा
रांची। सूर्या हांसदा फर्जी एनकाउंटर और आदिवासी रैयतों की जमीन छिनने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजधानी रांची में आक्रोश मार्च निकाला। इस मार्च के जरिए भाजपा ने न सिर्फ अपना विरोध दर्ज कराया, बल्कि अपनी सांगठनिक ताकत का भी प्रदर्शन किया।
मार्च की शुरुआत जिला स्कूल मैदान से हुई, जो शहीद चौक, कचहरी रोड होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचा। इस दौरान भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, नेता, महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के सदस्य पारंपरिक नारों, बैनरों और झंडों के साथ सड़क पर उतरे।
आदिवासी अस्मिता और जमीन का मुद्दा बना केंद्र
मार्च का नेतृत्व कर रहे रांची विधायक सी. पी. सिंह ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि झारखंड में आदिवासी समाज उबाल में है। उन्होंने कहा, “अबुआ सरकार खुद को ‘अबुआ’ कहती है, लेकिन उसकी नीतियां आदिवासी विरोधी हैं। आज राज्य में आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा हो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।”
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले में राज्य सरकार की भूमिका संदिग्ध है। पार्टी ने मांग की कि इस मामले की न्यायिक जांच हो और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
उपायुक्त कार्यालय पर सौंपा गया ज्ञापन
मार्च के समापन पर भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में सूर्या हांसदा एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच, आदिवासी रैयतों की भूमि की रक्षा, और राज्य में बढ़ती प्रशासनिक निष्क्रियता पर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
मार्च को देखते हुए प्रशासन की ओर से पूरे मार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल, महिला सुरक्षा दस्ते और ट्रैफिक विभाग के कर्मी तैनात रहे ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। हालांकि मार्च शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
भाजपा ने जताई आंदोलन तेज करने की चेतावनी
भाजपा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने आदिवासी मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठाए, तो पार्टी राज्यभर में उग्र आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है, आगे की रणनीति और भी सख्त होगी।
