रांची : राधा गोविन्द विश्वविद्यालय, रामगढ़ के खोरठा विभाग में जाने-माने खोरठा साहित्यकार, समाजसेवी बुद्धिजीवी एवं हाईकोर्ट के पूर्व अधिवक्ता गोबिंद महतो जंगली की 78वीं जयंती मनायी गयी. खोरठा विभाग में आयोजित जयंती समारोह में कार्यक्रम की शुरुआत खोरठा विभाग के कार्यकारी विभागाध्यक्ष ओहदार अनाम द्वारा खोरठा साहित्यकार स्व. गोविन्द महतो जंगली की तस्वीर पर माल्यार्पण एंव श्रद्धासुमन अर्पित कर की गयी.
खोरठा विभाग के ओहदार अनाम ने जीवनी पर प्रकाश डाला
इसके पश्चात बी.ए. और एम.ए. के छात्रों द्वारा पुष्पांजलि दी गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे खोरठा विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष ओहदार अनाम ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जंगली जी का जन्म 6 फरवरी 1945 को रामगढ़ जिले के चेटर गांव में हुआ था. जंगली जी माय माटी मानुष से जुड़े लोक साहित्यकार थे.
गोविन्द महतो की रचनाओं में मिट्टी की सोंधी महक
उनकी रचनाओं में मिट्टी की सोंधी महक मिलती है. जैसा कि उनके नाम से ही पता चलता है कि वे प्रकृति प्रेमी थे. उन्हें जंगली जीवन पसंद था, इसलिए वे अपना नाम के साथ जंगली लिखते थे. वे लोक साहित्यकार के साथ समाजसेवी एंव उच्च न्यायालय में अधिवक्ता भी थे. इस अवसर पर ओहदार ने जंगली जी की लिखी कविता “तितकी आर बारूद” पढ़ कर सुनाया.
इनकी रही उपस्थिति
इस जयंती समारोह में राजनीतिक शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश, कॉमर्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रंजन कुमार, इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष नीलकमल, प्राध्यापक शैलेन्द्र चौधरी, इंग्लिश विभाग के महेश भगत, राजू महतो, किशोर कुमार, परमेश्वर महतो जगदीश महतो मुख्य रूप से उपस्थित थे.