NEET UG परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव… NTA ने जारी किया नोटिस

यूटिलिटी

Ranchi : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी के परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है. NTA ने घोषणा की है कि अब नीट यूजी परीक्षा के प्रश्न पत्र का पैटर्न और समयावधि कोविड महामारी से पहले वाले हो जाएंगे. अब कोई सेक्शन बी नहीं होगा. कोविड-19 महामारी के दौरान नीट यूजी पेपर में जो ऑप्शन प्रश्न जोड़े गए थे, उन्हें अब हटा दिया गया है. अब नीट परीक्षा में कुल 180 प्रश्न (फिजिक्स और केमिस्ट्री में 45-45 प्रश्न और बायोलॉजी में 90 प्रश्न) अनिवार्य होंगे. इसके अलावा परीक्षा की समय सीमा भी घटाकर 3 घंटे कर दी गई है. पहले 3 घंटा 20 मिनट का टाइम था.

इस संबंध में NTA की ओर से जारी नोटिस में कहा गया, “सभी नीट यूजी 2025 उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि क्वेश्चन पेपर का पैटर्न और परीक्षा की अवधि कोविड से पहले वाले पैटर्न पर वापस आ जाएगी. अब कोई सेक्शन बी नहीं होगा. कुल 180 अनिवार्य प्रश्न होंगे (फिजिक्स और केमिस्ट्री में 45-45 प्रश्न और बायोलॉजी में 90 प्रश्न) जिन्हें 180 मिनट में हल करना होगा. कोविड के कारण शुरू किए गए किसी भी ऑप्शनल प्रश्न और एक्स्ट्रा टाइम को हटा दिया जाएगा.’

बड़े बदलाव :

विद्यार्थियों को अभी तक 200 में से 180 प्रश्न हल करने होते थे, लेकिन अब 200 की बजाय 180 प्रश्न ही आएंगे. सभी 180 प्रश्न अनिवार्य होंगे. ऑप्शनल प्रश्न की सुविधा नहीं मिलेगी. ऑप्शनल प्रश्नों की शुरुआत कोविड के दौरान की गई थी जिसे अब हटाने का फैसला लिया गया है.

180 प्रश्नों के लिए 3 घंटे का समय मिलेगा. पहले 3 घंटे 20 मिनट का समय दिया जाता था. पेपर पहले की तरह 720 अंकों का ही होगा.

नीट से एमबीबीएस, बीएएमस, बीयूएमस, बीएसएमएस और बीएचएमस, बैचलर ऑफ डेंटल स्टडीज (बीडीएस) और बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबैंड्री (बीवीएससी एंड एएच) कोर्सेज में दाखिले होंगे.

नीट के लिए APAAR जरूरी नहीं

NTA ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी ) 2025 के रजिस्ट्रेशन के लिए अपार आईडी ( APAAR ID ) जरूरी नहीं है. नीट यूजी रजिस्ट्रेशन करने के लिए उम्मीदवार अन्य डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. गौरतलब है कि NTA ने 14 जनवरी, 2025 को जारी पिछले नोटिस में उम्मीदवारों को अपनी आधार डिटेल्स अपडेट करने और अपने अपार आईडी ( APAAR ID – जिसे पहले अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट या ABC ID के रूप में जाना जाता था) को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. कहा गया था कि अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन से पहले अपने आधार या अपार आईडी में यदि कोई त्रुटि (मोबाइल नंबर) आदि है तो उसे अपडेट कराना अनिवार्य है. इसके बाद स्टूडेंट्स में अपार आईडी को लेकर भ्रम की स्थिति फैल गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *