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Bhai Dooj 2025 : कल कितने बजे है भाई दूज का मुहूर्त, क्या है तिलक करने का सबसे शुभ समय

रांची : भगवान चित्रगुप्त (दवात) और भाईदूज (गोधन) की पूजा 23 अक्टूबर की जाएगी। इस दिन बहनें अपने भाई की अकाल मृत्यु न हो इसके लिए यम यमी की पूजा कर भाइयों की आयु, आरोग्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इस दिन भाई को अपने बहन के घर जाकर तिलक लगाकर भोजन करने का विधान है।

मान्यता है कि इस दिन बहन के यहां भोजन करने से भाई की आयु में वृद्धि होती है। चित्र गुप्त पूजा मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त को समर्पित है।

आचार्य मनोज पांडेय ने बुधवार को बताया कि गुरुवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को भाईदूज के साथ चित्रगुप्त पूजा भी मनाई जाएगी। गोधन के दिन आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग है। भाईदूज की पूजा दिनभर होगी।

चित्रगुप्त पूजा 2025 की तिथि और मुहूर्त

चित्रगुप्त पूजा 2025 का उत्सव गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इसी दिन भाई दूज भी है। यह दिन भगवान चित्रगुप्त को समर्पित होता है, जो मानव कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले दिव्य देवता हैं। यह पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर होती है।

मुहूर्त (अपराह्न काल):

  • तारीख: गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025
  • समय: दोपहर 1:32 बजे से 3:51 बजे तक
  • अवधि: 2 घंटे 19 मिनट

तिथि का समय:

द्वितीया तिथि प्रारंभ: 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे

द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर को रात 10:46 बजे

चित्रगुप्त पूजा विधि

यह पूजा खासतौर पर शिक्षकों, विद्यार्थियों, लेखकों और व्यापारियों द्वारा श्रद्धा से की जाती है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति या चित्र की पूजा की जाती है और कलम, दवात तथा लेखा-बही का पूजन किया जाता है।

पूजा के चरण:

  • घर की सफाई करें और उत्तर-पूर्व दिशा में एक छोटा पूजास्थल बनाएं।
  • भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति या चित्र के साथ कलम, दवात और लेखा-बही रखें।
  • फूल, चावल, चंदन, मिठाई और पान के पत्ते अर्पित करें।
  • भगवान चित्रगुप्त के मंत्रों का जाप करें और ज्ञान, विवेक व सही कर्मों का आशीर्वाद मांगें।

चित्रगुप्त पूजा का आध्यात्मिक महत्व और लाभ

यह दिन बुद्धि, सत्य और नैतिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। भगवान चित्रगुप्त की पूजा से ज्ञान, साहस, विवेक और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है। यह दिन हमें हमारे कर्मों के प्रति जागरूक रहने की सीख देता है।

भक्तों का मानना है कि भगवान चित्रगुप्त की आराधना से पुराने दोष मिटते हैं, कार्य में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं, और समृद्धि प्राप्त होती है। व्यापारियों के लिए यह दिन नई बहीखातों और लेखा पुस्तकों की शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है। चित्रगुप्त पूजा हमें याद दिलाती है कि दिवाली की चमक केवल धन में नहीं, बल्कि ईमानदारी और धर्म में बसती है।

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