माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी बबलू पासवान को उड़ीसा से गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बबलू पासवान को सुपारी दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
जमीन को लेकर चल रहा था विवाद
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया था कि माकपा नेता सुभाष मुंडा का छोटू खलखो के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. दलदली मौजा स्थित 119 डिसमिल जमीन पर सुभाष मुंडा अपनी दावेदारी पेश कर रहा था. इससे पहले भी 90 डिसमिल के प्लॉट पर सुभाष ने अड़ंगा डाला था, जिसके बाद छोटू को उसे औने-पौने दाम में बेचना पड़ा था.
हत्या के बाद भागने का प्रयास किया तो पुलिस ने पकड़ लिया
सुभाष मुंडा की हत्या के बाद घटना में प्रयुक्त हथियार कांड के सूत्रधार छोटू को शूटर ने वापस कर दिया था. छोटू को पुलिस से पकड़े जाने का डर था. यही वजह है कि वह हथियार अपने कार में छुपाकर भागने का प्रयास कर रहा था. हालांकि इस बात की जानकारी पुलिस को भी मिल गई थी जिसके बाद रिंग रोड में उसे पकड़ लिया गया.
कैसे रची गयी हत्या की पूरी साजिश
छोटू ने सुभाष मुंडा के व्यवसाय पार्टनर विनोद कुमार से दोस्ती बढ़ाई और विवादित जमीन में आधी हिस्सेदारी का प्रलोभन दिया. जिसके बाद विनोद ने अपने पार्टनर सुभाष की हर गतिविधि की जानकारी छोटू को देना शुरू किया. इसके बाद छोटू ने कुख्यात अपराधी बबलू पासवान से संपर्क किया. बबलू से 15 लाख नगद और 10 डिसमिल जमीन देने की बात पर सुभाष की हत्या का सौदा तय हुआ. उसे 4 लाख नगद और 6 डिसमिल जमीन एडवांस के तौर पर दिए गए. जिसके बाद 26 जुलाई को बबलू ने दो शूटर भेजकर दलादली चौक पर सुभाष मुंडा की हत्या करा दी.