50 घंटे के बाद उठा अनिकेत का शव, परिजनों को मिलेगा मुआवजा और आवास

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रामगढ़ : रामगढ़ थाने के हाजत में युवक अनिकेत की मौत के बाद 50 घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला. शनिवार की दोपहर मुआवजे पर अधिकारियों और परिजनों की सहमति बनी, तब जाकर अनिकेत का अंतिम संस्कार हुआ. अनिकेत के घर पहुंचे अंचल अधिकारी सत्येंद्र कुमार पासवान ने उसके पिता महेंद्र राम और मां रीना देवी को पूरी सांत्वना दी.

सीओ ने अंतिम संस्कार के लिए दी राशि

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति की मृत्यु के लिए सरकारी नियम एवं प्रावधानों के अनुरूप 15 लाख का भुगतान मृतक के आश्रितों को दिया जाएगा. मृतक के आश्रित को सरकारी प्रावधानों के अनुसार एक सरकारी आवास का लाभ दिया जाएगा. साथ ही 5 डिसमिल जमीन भी प्रदान की जाएगी. मृतक के आश्रित को योग्यता अनुसार नौकरी का लाभ दिया जाएगा. मृतक के आश्रित में योग्य सदस्य को पेंशन का भी लाभ दिया जाएगा और साथ ही इस परिवार का राशन कार्ड भी बनेगा. वार्ड नंबर 5 के पूर्व पार्षद संजीत कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह की मौजूदगी में अंचल अधिकारी ने अंतिम संस्कार के लिए 30 हजार रुपए मृतक के परिजनों को दिए.

पूर्व पार्षद छोटू सिंह ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील था. बेहद गरीब परिवार का एक बच्चा जिस तरह मरा है उसके परिवार को जितनी भी सहायता दी जाए वह कम है लेकिन जिला प्रशासन ने सहायता के लिए जो पहल की, वह सराहनीय है.

पीड़ित परिजनों से मिले सांसद जयंत सिन्हा

सांसद जयंत सिन्हा शनिवार को मृतक के घर पहुंचे और उसके परिजनों से बात की. पूरी कहानी सुनने के बाद उन्होंने कहा कि कंबल फाड़कर फांसी लगाने की कहानी उनके गले से नहीं उतर रही. मेडिकल बोर्ड ने अनिकेत के शव का पोस्टमार्टम किया है. यह निष्कर्ष निकला है कि फांसी लगाने से ही उसकी मौत हुई है लेकिन इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और चिकित्सकों की दूसरी टीम भी इसकी जांच करें. यदि यह हत्या का मामला उजागर होता है तो इस परिवार को न्याय मिलना चाहिए. इस दौरान उन्होंने झारखंड सरकार पर भी टिप्पणी की और कहा कि भ्रष्टाचार व अपराध के दलदल में डूबी इस सरकार पर जनता को भरोसा नहीं है.

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