रांची : राजधानी रांची में 30 देशों के एक्सपर्ट 14-15 फरवरी को जुटेंगे. इस दौरान वे कार्बन उत्सर्जन के चैलेंज को कम करने के साथ नये इकोनॉमिक मॉडल पर सुझाव साझा करेंगे. इस संबंध में होटल रेडिसन ब्लू में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीड्स के रमापति कुमार ने बताया कि अब एक ऐसी अर्थव्यवस्था की ओर अब बढ़ना जरूरी हो गया है, जिसमें कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम या खत्म किया जा सके. इसके लिए ही रांची में टास्क फोर्स के जरिये विशेष कार्यशाला का आयोजन होना है.
कार्यशाला में 30 देशों के 300 डेलीगेट्स शामिल होंगे
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में 30 देशों के 300 डेलीगेट्स शामिल होंगे. इसके अलावा यूपी, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के अलावा झारखंड सरकार के अलग-अलग महत्वपूर्ण विभागों के सीनियर अधिकारी और अन्य भी इसमें शामिल होंगे. अलग- अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी. देश दुनिया के अलावा बाकी राज्यों में कार्बन उत्सर्जन और नये तरह के इकोनॉमी को लेकर किस तरह के काम हो रहे हैं, उनके खट्टे- मीठे अनुभव क्या रहे, इसे जानने के अलावा इस आधार पर राज्य के लिए रोडमैप तैयार करने में मदद मिलेगी.
देशभर में पहली बार इस विषय को लेकर इतने बड़े स्तर पर इंटरनेशनल कान्फ्रेन्स होने जा रहा
मौके पर पूर्व वन अधिकारी और टास्क फोर्स के चेयरपर्सन एके रस्तोगी ने बताया कि इस कार्यशाला की ओर देश दुनिया के अलावा सभी राज्यों की भी नजर है. देशभर में पहली बार इस विषय को लेकर इतने बड़े स्तर पर इंटरनेशनल कान्फ्रेन्स होने जा रहा है. जापान, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया सहित दुनियाभर के 30 देशों के 300 डेलीगेट्स के अनुभव बेहद कारगर साबित होंगे.
क्लीन एनर्जी, एनर्जी सेविंग के साथ कैसे सब आगे बढेंगे, इसे समझने में मदद मिलेगी
उन्होने बताया कि देश दुनिया में कार्बन उत्सर्जन और इसके साथ नये तरह की अर्थव्यवस्था के लिए किए गए प्रयासों को जानने का यह प्रभावी मंच साबित होगा. क्लीन एनर्जी, एनर्जी सेविंग के साथ कैसे सब आगे बढेंगे, इसे समझने में मदद मिलेगी. कोयला और ऊर्जा जरूरतों के सीमित होने से नये तरह से कैसे छोटी- बड़ी इंडस्ट्री आगे बढेगी, पैसे कहां से आएंगे, रोजगार कैसे मिलेगा और अन्य बिंदुओं पर भी एक्सपर्ट के विचारों को हम सब जान सकेंगे.