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झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक, सदन के संचालन पर चर्चा

रांची: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र को लेकर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, राधाकृष्ण किशोर, प्रदीप यादव, अरूप चटर्जी सहित अन्य नेता उपस्थित रहे। बैठक में सदन के कार्य संचालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया, और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई कि सदन का वातावरण सौहार्दपूर्ण बना रहे, जिससे जनहित के मुद्दों पर गहन चर्चा हो सके।

अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने की अपील

विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने सत्र के दौरान अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और नीतिगत चर्चाओं के लिए एक उपयुक्त अवसर प्रदान करता है, ऐसे में सभी दलों की रचनात्मक सहभागिता अपेक्षित है।

सकारात्मक और रचनात्मक विमर्श की अपील

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में शालीन, सकारात्मक और रचनात्मक विमर्श की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी दलों से अपेक्षा जताई कि वे जनहित के मुद्दों पर प्राथमिकता देंगे और सत्र को सार्थक बनाने में सहयोग करेंगे। उनका कहना था कि सदन में स्वस्थ संवाद से ही राज्य की उन्नति और विकास संभव है।

सत्र का शेड्यूल

इस बार का मॉनसून सत्र सात दिनों का होगा, जिसमें पांच कार्यदिवस होंगे। इस दौरान महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और नीतिगत चर्चाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

  1. 1 अगस्त: राज्यपाल की सहमति प्राप्त विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे और दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
  2. 4 अगस्त: वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।
  3. 5 अगस्त: प्रश्नकाल, अनुपूरक बजट पर चर्चा।
  4. 6 अगस्त: प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक।
  5. 7 अगस्त: प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक, गैर सरकारी संकल्प।

पेश होगा अनुपूरक बजट

इस सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जो राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए अहम साबित होगा। इस बजट में सरकार की प्राथमिकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी और राज्य के विकास के लिए आवश्यक संसाधनों का आवंटन किया जाएगा।

सत्र की शांति और प्रभावी संचालन की उम्मीद

यह सर्वदलीय बैठक इस बात का संकेत है कि विधानसभा सत्र को शांतिपूर्ण और प्रभावी तरीके से संचालित करने के लिए सभी दलों में समन्वय कायम किया जाएगा। नेताओं का मानना है कि सत्र के दौरान सकारात्मक और सार्थक विमर्श से राज्य के विकास में तेजी आएगी।

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