रांची : 23 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा. इस बार तृतीया तिथि 2 दिन मिल रही है. 22 अप्रैल को प्रदोष काल में तृतीया तिथि मिल जाने के कारण इस दिन भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाएगी. रोहिणी नक्षत्र में इस पर्व को पड़ने के कारण इसे काफी शुभ माना जाता है.
इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व
23 अप्रैल को अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया जाएगा. रोहिणी नक्षत्र में इस पर्व को पड़ने के कारण इसे काफी शुभ माना जाता है. इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व होता है, और काफी फलदाई होता है.
मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है
तृतीया तिथि 22 अप्रैल को सुबह 8:03 बजे लग रही है जो 23 अप्रैल की सुबह 8:06 बजे तक रहेगी. रात 12:56 बजे तक रोहिणी नक्षत्र मिल रहा है. सौभाग्य योग सुबह 9:02 तक मिलेगा. 22 और 23 अप्रैल को खरीददारी और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य करने से काफी पुण्य मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा अर्चना कर दान किया जाता है. मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है. परंपरा के अनुसार जल भरा हुआ घड़ा फल आदि दान करने का विधान है.