Adivasi Rally

आदिवासी संगठनों की महारैली, अन्य देशों से भी जुटे लोग, सरना धर्म कोड लागू करने की मांग उठायी

राँची

रांची : मोरहाबादी मैदान में रविवार को आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले विभिन्न आदिवासी संगठनों की सरना धर्म कोड महारैली हुई. रैली में झारखंड सहित नेपाल, भूटान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार के आदिवासी शामिल हुए हैं. महारैली के जरिये आदिवासी संगठनों ने केंद्र सरकार और भाजपा से सरना धर्म कोड लागू करने की मांग उठायी.

धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा- आदिवासी ना तो हिंदू है और ना ही सनातन

महारैली को संबोधित करते हुए सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि आदिवासी ना तो हिंदू है और ना ही सनातन. इसलिए आदिवासियों को समाप्त करने की साजिश बंद होनी चाहिए. देशभर में 12 करोड़ से अधिक आदिवासियों का अपना धर्म है, जो अपनी संस्कृति, अपना संस्कार, अपना पूजा स्थल और अपने रीति रिवाज से चलते हैं, हिंदू लॉ से नहीं.

सरना धर्म कोड लागू किया जाना चाहिए

बंधन तिग्गा ने कहा कि इसलिए आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करेगी, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. बंधन तिग्गा ने कहा कि साजिश के तहत आदिवासियों को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

50 लाख आदिवासियों ने अपना धर्मकोड जनगणना प्रपत्र में दर्ज कराया

बंधन तिग्गा ने कहा कि 2011 में देशभर में लगभग 50 लाख आदिवासियों ने अपना धर्मकोड जनगणना प्रपत्र में दर्ज कराया। दुनियाभर में 40 लाख से अधिक लोगों ने सरना धर्म कोड अंकित कराया है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि आदिवासी हिंदू या सनातन हैं.

सरना धर्म कोड नहीं, तो राष्ट्रीय जनगणना नहीं

उन्होंने कहा कि जब तक जनगणना प्रपत्र में अलग से सरना धर्म कोड नहीं होगा, तब तक हम लोग राष्ट्रीय जनगणना होने नहीं देंगे. सरना धर्म कोड के लिए आर-पार की लड़ाई होगी और हम लोग सरहद पार करने को तैयार है.

महारैली को डॉ करमा उरांव व अन्य ने किया संबोधित

महारैली को डॉ करमा उरांव, रवि तिग्गा, बालकु उरांव, अजित टेटे, नारायण उरांव, रेणु तिर्की, निर्मल मरांडी, भगवान दास, सुशील उरांव, अमर उरांव सहित कई लोगों ने संबोधित किया. सभी ने आह्वान किया कि कोड नहीं तो वोट नहीं. 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा हावी रहेगा.

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