एडीजी अभियान ने बैठक में दिए कई निर्देश

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रांची : पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार से एडीजी अभियान संजय आनन्द राव लाठकर की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई. बैठक में राज्य के सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग, सभी क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक, सभी वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद थे. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लैंगिक अपराध , सीपीएमएस एप्लीकेशन के जरिये साक्षियों के उपस्थापन और न्यायालयों की सुरक्षा से संबध में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में एडीजी अभियान ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाले लैंगिक तथा पोक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज काण्डों के निर्धारित समय सीमा के अंदर निष्पादन की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान जिन जिलों के निष्पादन स्तर में कमी पाया गया उन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कांड के निष्पादन के लिए कई बिन्दुओं पर निर्देश देते हुए कांड का निष्पादन त्वरित गति से करने एवं जिलों में प्रतिवेदित संवेदनशील मामलों का मॉनिटरींग करने का निर्देश दिया गया. साथ ही प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक एवं क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक को भी पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज कांडो की समीक्षा करते हुये निर्धारित समय सीमा के भीतर काण्डों का निष्पादन सुनिश्चित कराने के लिए निर्देश दिया गया.

उन्होंने सभी वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को यह निर्देश दिया गया कि जब तक न्यायालय से संबंधित पदाधिकारी अपने कार्यालय में उपस्थित रहते हैं तब तक उनकी सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. साथ ही न्यायिक पदाधिकारियों के आवासों की भी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. जिला के प्रधान सत्र न्यायाधीश से समन्वय स्थापित कर सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने के लिए आवश्यकतानुसार उसकी संख्या की सूची जैपआईटी को उपलब्ध कराते हुए वांछित कार्रवाई करने, सभी न्यायालयों में सीसीटीवी की निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में तकनीकी रूप से दक्ष पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने का भी निर्देश दिया. साथ ही साक्षियों की गवाही न्यायालय में ससमय सुनिश्चित करने, विशेषकर पुलिस पदाधिकारी/कर्मियों की गवाही न्यायालय में ससमय सुनिश्चित करने तथा वैसे पुलिस पदाधिकारी/कर्मी जो न्यायालय में अपनी गवाही के लिए उपस्थित नहीं होते हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा. उन्होंने सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक एवं क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक को भी गवाहों की उपस्थिति के संबंध में विशेष समीक्षा करने सहित जिलों में स्थापित विधि शाखाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल देने का निर्देश दिया.

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