कृषि एवं बागवानी आधारित आदर्श पोषण वाटिका निर्माण के लिए दो दिवसीय कार्यशाला शुरू
रांची : कृषि एवं बागवानी आधारित आदर्श पोषण वाटिका निर्माण के लिए बुधवार से झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रांची में दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला की शुरुआत हुई. इसमें राज्य के सभी जिलों के ईको क्लब से दो नोडल शिक्षक भाग ले रहे हैं.
कार्यशाला में राज्य के कई कृषि विशेषज्ञ इन शिक्षकों को पोषण वाटिका पर प्रशिक्षण देंगे. सत्र के पहले दिन राज्य के प्रभाग प्रभारी बादल राज, झारखंड राय यूनिवर्सिटी के कृषि विशेषज्ञ डॉ. आरपी सिंह, नेहा कुमारी ने शिक्षकों को आदर्श पोषण वाटिका के निर्माण व उसके संचालन पर मार्गदर्शन दिया.
सत्र को संबोधित करते हुए बादल राज ने कहा कि राज्य में कुपोषण एक बड़ी चुनौती है. इससे निपटने के लिए मध्याह्न भोजन में पोषक तत्वों से युक्त फल सब्जियों को शामिल करना अनिवार्य है. झारखंड के जिन सरकारी विद्यालयों में एमडीएम की सुविधा है वहां आदर्श पोषण वाटिका का निर्माण किया जाएगा. यह पोषण वाटिकाएं पूर्ण रूप से जैविक तरीके से लगाई जाएंगी.
पोषण वाटिका में जिन सब्जियों को उगाया जाएगा उन्हें एमडीएम में भोजन तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. पोषण वाटिका के निर्माण के लिए विद्यालयों को राशि उपलब्ध करा दी गयी है. विद्यालयों को एमडीएम और ज्ञानोदय योजना के तहत भी राशि उपलब्ध कराई गयी है. सत्र को संबोधित करते हुए कृषि विशेषज्ञ नेहा कुमारी ने कहा कि विद्यालय के बच्चों को एमडीएम में पोषण युक्त भोजन देने के उद्देश्य से सभी स्कूलों में पोषण वाटिका का निर्माण किया जा रहा है, जो सराहनीय है. इसमें ईको क्लब की भूमिका महत्वपूर्ण है.
नेहा कुमारी ने कहा कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद चयनित नोडल शिक्षक अपने-अपने जिलों में ईको क्लब से जुड़े अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देंगे. उन्होंने शिक्षा में कृषि की भूमिका और कृषि आधारित शिक्षा पर बल देते हुए राज्य में इसे पाठ्यक्रम के रूप में विकसित करने के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इससे स्कूली बच्चो में कृषि के प्रति रूचि तो बढ़ेगी ही साथ ही उन्होंने पौष्टिक भोजन भी मिलेगा.