मनरेगा घोटाला में बीडीओ किस्टो बेसरा पर कार्रवाई, नाजिर गुलाम को वीआरएस

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वर्ष 2014-15 में गोला प्रखंड में 74.62 लाख का हुआ था घोटाला

44 लाभुकों को नहीं बांटा गया था चेक

रामगढ़ : जिले के डीसी चंदन कुमार ने घोटाले और रिश्वत जैसे कारनामों में शामिल लोगों पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. इस बार प्रखंड विकास पदाधिकारी और नाजिर दोनों पर कार्रवाई हुई है. जहां एक तरफ रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड में पदस्थापित तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी किस्टो कुमार बेसरा पर प्रपत्र ‘क’ गठित करने की तैयारी शुरू हो गई है. वहीं दूसरी तरफ घोटालेबाज नाजिर सह उर्दू अनुवादक मो गुलाम रसूल को वीआरएस दे दिया गया है. डीसी की इस कार्रवाई के बाद रामगढ़ जिले के घूसखोर, घोटालेबाज अधिकारियों और कर्मचारी के दम फूलने लगे हैं.

वर्ष 2014-15 में हुआ था मनरेगा में घोटाला

वर्ष 2014 – 2015 में गोला प्रखंड कार्यालय में मनरेगा अंतर्गत एफटीओ के प्रथम हस्ताक्षरी के पद पर पदस्थापित व तत्कालीन गोला प्रखंड नाजिर सह उर्दु अनुवादक मोहम्मद गुलाम रसूल पर मनरेगा की 124 योजनाओं में कुल 59 योजनाओं को डुप्लीकेट योजना बनाने का आरोप है. ऐसे डुप्लीकेट योजनाओं में कुल 74 लाख 62 हज़ार 632 रुपए की सुनियोजित तरीके से अवैध निकासी की गई थी. नाजिर ने अपने कार्यकाल के दौरान निर्गत किए गए 44 चेक का वितरण लाभुकों को नहीं किया था.

डीडीसी के जांच प्रतिवेदन में घोटाले की हुई पुष्टि

संबंधित मामले में विभागीय कार्रवाई के लिए संचालन पदाधिकारी के रूप में नियुक्त उप विकास आयुक्त के प्रतिवेदन के आधार पर डीसी चंदन कुमार द्वारा झारखंड सरकारी सेवक नियमावली 2016 के भाग V 14(ix) के अनुरूप मोहम्मद गुलाम रसूल के विरुद्ध अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड अधिरोपित किया गया है. संबंधित मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण संबंधित वाद में पारित आदेश के अनुरूप अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश प्रभावित होगा. वहीं मामले में उपायुक्त ने तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी गोला कीस्टो कुमार बेसरा पर उपरोक्त कृत के लिए विभागीय कार्रवाई किए जाने को लेकर तत्काल प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

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