रांची : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् राँची महानगर का एक प्रतिनिधिमंडल छात्र- छात्राओं के साथ राँची विश्वविद्यालय के कुलपति से मिल ज्ञापन सौंपा. बीते दिन मांडर कॉलेज की प्राचार्या ने वहाँ के बर्सर पर जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर उनको अपमानित किया था. विगत दिनों उनके असम्मानजनक व्यवहार, अनुचित भाषा प्रयोग एवं जातिसूचक टिप्पणी से आहत नाथू गाड़ी को पद से इस्तीफा देना पड़ा.
प्राचार्या पद के लिए सर्वथा अयोग्य : महानगर मंत्री
महानगर मंत्री रोहित शेखर ने कहा की प्राचार्या न केवल एक संवेदनहीन एवं अशोभनीय भाषा का प्रयोग करने वाली महिला हैं, बल्कि उक्त पद के लिए सर्वथा अयोग्य हैं. छात्र छात्राओं को उनके असहयोगात्मक रवैया से लगातार परेशानी का सामना करना पड़ता है. शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रति असम्मानजनक व्यवहार से पूरा कॉलेज परिवार आहत है.
नाथू गाड़ी एक सरल और सौम्य व्यक्ति : शुभम
प्रांत कोष प्रमुख शुभम पुरोहित ने कहा कि श्री नाथू गाड़ी एक सरल और सौम्य व्यक्ति हैं. वह कभी भी न उग्र होते हैं और न ही अमर्यादित व्यवहार करते हैं. ऐसे व्यक्ति द्वारा किसी का विरोध कोई सामान्य बात नहीं है.
कार्यवाही नहीं होना, आंदोलन करने को कर रहा बाध्य
ज़िला संयोजक प्रेम प्रतीक ने बताया कि विश्वविद्यालय के संज्ञान में प्रभारी प्राचार्या का कृत्य आने के बाद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होना हमें आंदोलनरत होने को बाध्य कर रहा है. विद्यार्थी परिषद राँची महानगर का आग्रह है कि प्रभारी प्राचार्या को यथाशीघ्र हटाया जाए और उनका तबादला किसी अन्य ग्रामीण कॉलेज में किया जाए, ताकि कॉलेज का वातावरण पठन- पाठन के योग्य हो सके.
मौक़े पर प्रणव गुप्ता, रिपुंजय दूबे, आरव सिंह, सत्यम, आनंद, पवन, साक्षी, खुशबू हेमब्रॉम एवं अन्य छात्र शामिल थे. यह जानकारी शशिकांत सुमन ने दी.