स्पीकर ने विधानसभा में BJP के नेता प्रतिपक्ष की कर दी घोषणा

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Ranchi : विधानसभा में स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने शुक्रवार को यानि आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की घोषणा कर दी है. बता दें कि बाबूलाल को भाजपा विधायक दल की बैठक में गुरुवार को चुना गया था. केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव व डा. के लक्ष्मण की मौजूदगी में उनका चयन हुआ था. इसके बाद भूपेंद्र यादव ने इसकी घोषणा की थी. जिसके बाद से ही बाबूलाल का नेता प्रतिपक्ष बनना तय माना जा रहा था. विधायक दल का नेता चुने जाने के तुरंत बाद प्रदेश भाजपा की ओर से स्पीकर को यह सूचना देते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने का आग्रह किया गया था.

वहीं, गुरुवार को विधायकों की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सांसद के. लक्ष्मण ने कहा था कि झारखंड के लोगों का ध्यान रखते हुए बाबूलाल का चयन किया गया है. क्योंकि भाजपा हर वर्ग के लोगों का ख्याल रखती है.

सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करेंगे: बाबूलाल

चयन के बाद बाबूलाल ने कहा था कि वे पार्टी और संगठन के लिए 24 घंटे काम करेंगे. सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करेंगे. पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी विधायकों और पदाधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे. इसके लिए वे पूरी ताकत झोंक देंगे. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं का आभार जताया.

अब तक बिना नेता प्रतिपक्ष के ही चल रहा था विस सत्र :

छठी झारखंड विधानसभा के पहले सत्र में अब तक भाजपा ने विधायक दल का नेता नहीं चुना था. इससे सदन बिना नेता प्रतिपक्ष के ही चल रहा था. 24 फरवरी से बजट सत्र शुरू हुआ था, लेकिन गुरुवार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया.

सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग में हो सकेगी नियुक्ति

नेता प्रतिपक्ष न होने की वजह से मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, सूचना आयोग समेत कई वैधानिक आयोग में बहाली नहीं हो पा रही थी. इनमें सीएम और प्रतिपक्ष के नेता के माध्यम से ही नियुक्ति होती है.

पहले बाबूलाल को नहीं मिली थी नेता प्रतिपक्ष की मान्यता

वर्ष 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी झाविमो की टिकट पर धनवार सीट से विधायक बने थे. चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने झामुमो का ​भाजपा में विलय कर दिया और खुद भाजपा में शामिल हो गए. बाबूलाल ने स्पीकर को इसकी सूचना देते हुए उन्हें भाजपा विधायक के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया. लेकिन स्पीकर ने इसे दल-बदल का मामला माना और सुनवाई शुरू कर दी. उधर, भाजपा ने तुरंत उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया और स्पीकर से बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने का अनुरोध किया. लेकिन दल-बदल का मामला चलने की वजह से स्पीकर ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं दी.

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