डीपीआर बन रही थी, तब रेलवे और एनएचएआई से लेनी चाहिए थी एनओसी : स्पीकर

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भाजपा विधायक राज सिन्हा ने विधान सभा में उठाया धनवाद के पेयजल का मुद्दा

रांची : विधान सभा में धनबाद में पिछले पांच-साल पहले शुरू हुईं पेयजल योजनाओं के पूरा नहीं होने का मुद्दा सदन में गूंजा. इस पर सरकार ने एनओसी नहीं होने के चलते देरी की बात कही तो विधान सभा अध्यक्ष (स्पीकर) राजेन्द्र नाथ महतो को इसमें दखल देना पड़ा. उन्होंने कहा कि जब डीपीआर बन रही थी, तभी रेलवे और एनएचआई से एनओसी लेनी चाहिए थी.

विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन भाजपा विधायक राज सिन्हा ने धनबाद में पेयजल आपूर्ति का मुद्दा सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि धनबाद में शुद्ध पेयजल के लिए 917.69 करोड़ की तीन महत्त्वपूर्ण योजनाएं हैं. जो पिछले पांच-छह साल पहले ही शुरू हुई थीं, लेकिन अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं. इन योजनाओं में कहीं विभागों से एनओसी प्राप्त न हो पाना, पाइप लाइन बिछाने के कार्य धीमा होना और विभागीय शिथिलता व संवेदकों की मिलीभगत से बार-बार योजनाओं के रि-एस्टीमेट के कारण सिर्फ 60 फीसदी ही योजनाएं पूरी हो पाई हैं. राज सिन्हा ने यह भी पूछा कि पांच साल तक बगैर एनओसी के योजना कैसे शुरू हो गयी. इस योजना के पूरा होने में और कितने साल लगेंगे.

इस पर प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रताप ने जवाब देते हुए बताया कि पेयजल योजनाओं को फेज-वन एनओसी मिलने के बाद एक साल में पूरा कर लिया जाएगा. फेज-टू एनओसी मिलने के बाद 15 महीने में पूरा होगा. वहीं झामडा की योजना तीन महीने में पूरी कर ली जाएगी. इस पर विधायक रागिनी सिंह ने भी कहा कि झरिया में पानी की समस्या है. नगर आयुक्त का भी रवैया ठीक नहीं है. मंत्री योगेंद्र प्रताप ने कहा कि एनएचएआइ और रेलवे से एनओसी लेने का प्रयास हो रहा है. पत्राचार पर पत्राचार हो रहा है, लेकिन केंद्र नहीं सुन रहा है.

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