PM मोदी ने शुरू किया ‘मिशन मौसम 2025’, बता गए इसका लक्ष्य

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PM नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर देश को प्रत्‍येक मौसम और जलवायु का सामना करने के लिए ‘स्मार्ट राष्ट्र’ बनाने के मकसद से ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की है. राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में आयोजित समारोह में शिरकत करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने IMD के 150वें स्थापना दिवस पर एक स्मारक सिक्का और मौसम संबंधी अनुकूलता और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए IMD विजन-2047 दस्तावेज भी जारी किया है.

इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन शमन की योजनाएं शामिल हैं. इससे पहले, PM ने भारत मंडपम में IMD की उपलब्धियों पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. इस अवसर पर PM ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम भारतीय मौसम विभाग यानी IMD के 150 वर्ष का जश्न मना रहे हैं. यह केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा नहीं है, यह हमारे भारत में आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भी यात्रा है.

उन्होंने कहा कि IMD ने न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक यात्रा का भी प्रतीक बना है. PM ने कहा कि वैज्ञानिक संस्थाओं में शोध और नवोन्मेष नए भारत के मिजाज का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इसीलिए, पिछले 10 वर्षों में IMD की अवसंरचना और प्रौद्योगिकी का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है. मोदी ने कहा कि जलवायु का सामना करने के लिए भारत एक ‘स्मार्ट राष्ट्र’ बने, इसके लिए हमने ‘मिशन मौसम’ भी शुरू किया है.

उन्होंने कहा कि मिशन मौसम टिकाऊ भविष्य और भविष्य की तैयारियों को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है. ‘मिशन मौसम’ का लक्ष्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और सिस्टम विकसित करके, उच्च-रिजॉल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन, अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रहों एवं उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटरों को कार्यान्वित करते हुए उच्‍च स्‍तरीय क्षमता को हासिल करना है.

यह मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बेहतर बनाने, वायु गुणवत्ता डेटा प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा जो लंबे समय में मौसम प्रबंधन और हस्तक्षेप की रणनीति बनाने में सहायता प्रदान करेगा. IMD के 150वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में, पिछले 150 वर्षों के दौरान IMD की उपलब्धियों, भारत को जलवायु-अनुकूल बनाने में इसकी भूमिका तथा विभिन्न मौसम और जलवायु सेवाएं प्रदान करने में सरकारी संस्थानों द्वारा निभाई गई भूमिका को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रमों, गतिविधियों और कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की गई है.

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