रांची : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि देश के इतिहास में महिलाओं का योगदान अद्वितीय और प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले, रानी लक्ष्मीबाई और झारखंड की वीर नायिकाएं, जैसे फूलो-झानो, इस बात के प्रतीक हैं कि महिलाओं ने हमेशा समाज को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
राज्यपाल शनिवार को रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में आयोजित भारतीय इतिहास लेखन में महिला विमर्श विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने कहा कि इन महान महिलाओं के योगदान को इतिहास में उचित स्थान दिलाना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक महिला इतिहासकार इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रही हैं और महिलाओं की भूमिका को नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत कर रही हैं. यह न केवल इतिहास लेखन को समृद्ध करता है, बल्कि समाज के समग्र विकास में सहायक भी है.
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसी योजनाओं ने महिलाओं को न केवल अधिकार और अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि समाज में उनकी एक नई पहचान भी स्थापित की है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं केवल इतिहास का हिस्सा न बनें, बल्कि इतिहास के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं. राज्यपाल ने रांची विश्वविद्यालय के जरिये स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड की नायिकाएं विषय पर आयोजित संगोष्ठी की सराहना की और इसे झारखंड तथा भारत की ऐतिहासिक परंपराओं को उजागर करने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया.
इस अधिवेशन में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, महिला इतिहासकार परिषद की अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुस्मिता पाण्डे, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय, रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुजाता सिंह सहित देशभर के प्रख्यात इतिहासकारों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया.