रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने रांची में ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनाने को लेकर दाखिल राहुल कुमार दास की जनहित याचिका पर गुरुवार को मौखिक कहा कि रांची शहर में ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. सर्जन चौक से लेकर सुजाता चौक तक दो पहिया वाहन चालक बगैर हेलमेट एवं ट्रिपल राइडिंग करते हुए चलते हैं. ट्रैफिक पुलिस इनसे भारी जुर्माना वसूल करे. जब उनकी जेब पर भार पड़ेगा तब वह ट्रैफिक नियमों का पालन करना सीखेंगे.
कोर्ट ने मौखिक कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि रांची में लोग पुलिस के डर से केवल हेलमेट पहनते हैं जबकि उन्हें यह पता होता है कि उनके सिर की सुरक्षा के लिए भी हेलमेट काफी जरूरी है. हेलमेट नहीं पहनकर और ट्रिपल राइडिंग कर ये लोग अपनी जिंदगी तो जोखिम में डालते ही हैं, साथ ही दूसरों के लिए दुर्घटना का कारण बनते हैं. पुलिस को एक माह तक लगातार चेकिंग अभियान चलाने की जरूरत है. इसके अलावा जो ई-रिक्शा वाले परमिट के हिसाब से अपने निर्धारित रूट पर नहीं चल रहे हैं उनसे भी भारी जुर्माना वसूला जाए.
रांची शहर में 1000 से ज्यादा अवैध रूप से ई-रिक्शा चल रहे हैं, इन पर कार्रवाई जरूरी है. सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अवैध रूप से चलने वाले 443 ई-रिक्शा को जब्त किया गया. कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि जब रांची में ट्रैफिक जाम जैसी बड़ी समस्या है तब कैसे ऑटो और ई रिक्शा को रांची शहर में चलने के लिए परमिट दी जा रही है.
कोर्ट ने कहा कि रांची शहर के निवासी जाम से कराह रहे हैं. मेन रोड (महात्मा गांधी मार्ग) पर कछुए की चाल से वाहन रेंगते हैं. किशोरगंज चौक, रातू रोड, मेन रोड में सर्जन चौक से लेकर सुजाता चौक तक प्रतिदिन वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं. ट्रैफिक पुलिसकर्मी और रांची नगर निगम के इंफोर्समेंट टीम यह सुनिश्चित करें कि ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनी रहे.
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि रांची में ट्रैफिक को लेकर लॉन्ग टर्म प्लान को लेकर आए. कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने एवं इस संबंध में लिए गए एक्शन की रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश हुए मामले की अगली चार जुलाई निर्धारित की है.