नई दिल्ली : एक्स सोशल मीडिया के मालिक के एक ट्वीट और एक समाचार ने रविवार को एक बार फिर इंटरनेट पर ईवीएम मशीन पर बहस शुरू कर दी है. नतीजों के बाद अस्थायी तौर पर मुद्दों की दौड़ में पीछे जाने के बाद ईवीएम फिर से मुद्दा बनकर आगे आ गया है.
सोशल मीडिया एक्स सहित अनेक नामचीन कंपनियों के मालिक एलोन मस्क ने एक्स पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम को पूरी तरह से हटा देना चाहिए. इसे मानव या एआई द्वारा हैक किए जाने की थोड़ी संभवना भी बहुत ज्यादा है. उनका यह बयान स्थानीय संदर्भों में था, लेकिन यह सोशल मीडिया पर बहस का कारण बन गया है.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि यह सामान्य सा कथन है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता है और यह गलत है. एलोन मस्क का विचार अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है- जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीनें बनाने के लिए नियमित कंप्यूट प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं. लेकिन भारतीय ईवीएम कस्टम डिज़ाइन, सुरक्षित और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं. कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट नहीं. यानी इसमें कोई रास्ता नहीं है. फ़ैक्टरी प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक वैसे ही तैयार और निर्मित किया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है. हमें एलोन के लिए ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी.
एक अन्य समाचार सामने आया है, जिसने ईवीएम पर सवाल खड़े करने की कोशिश की है. खबर महाराष्ट्र से है कि यहां मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोटों से जीतने वाले शिवसेना के रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का फोन ईवीएम से जुड़ा था.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एलोन मस्क का ट्वीट और उक्त खबर को साझा करते हुए कहा कि भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स” हैं और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं. जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी हो जाती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है.