नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दो महत्वपूर्ण बैठकों में देशभर में जारी लू के कहर और चक्रवाती तूफान रेमल से पूर्वोत्तर राज्यों में हुई तबाही से जुड़े राहत कार्यों की समीक्षा की.
प्रधानमंत्री ने आग की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए नियमित आधार पर उचित अभ्यास जारी रखने का निर्देश दिया. उन्होंने अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों का फायर ऑडिट और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट नियमित रूप से कराने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री तूफानी चक्रवात रेमल से प्रभावित राज्यों पर चक्रवात के प्रभाव के बारे में जानकारी ली और आश्वासन दिया कि प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार पूरा सहयोग देना जारी रखेगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर देश में पड़ रही भीषण गर्मी की स्थिति और मानसून की शुरुआत की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री को बताया गया कि आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है. इस वर्ष देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून सामान्य एवं सामान्य से ऊपर और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम रहने की संभावना है.
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि आग की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए उचित अभ्यास नियमित आधार पर किया जाना चाहिए. अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों का अग्नि ऑडिट और विद्युत सुरक्षा ऑडिट नियमित रूप से किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जंगलों में फायर-लाइन के रखरखाव और बायोमास के उत्पादक उपयोग के लिए नियमित अभ्यास की योजना बनाई जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री को जंगल की आग की समय पर पहचान और उसके प्रबंधन में “वन अग्नि” पोर्टल की उपयोगिता के बारे में बताया गया. बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव के साथ-साथ पीएमओ और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
एक अन्य बैठक में प्रधानमंत्री ने चक्रवात रेमल से प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा की. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को प्रभावित राज्यों पर चक्रवात के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई. बैठक में मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुई जान-माल की हानि और घरों तथा संपत्तियों को हुए नुकसान के बारे में भी चर्चा की. आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. टीमों ने लोगों को सुरक्षित निकालने, एयरलिफ्टिंग और सड़क साफ करने के अभियान चलाए हैं. बैठक के दौरान यह बताया गया कि गृह मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ नियमित संपर्क में है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चक्रवात प्रभावित राज्य को पूरा सहयोग देना जारी रखेगी. प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय को स्थिति पर नजर रखने और स्थिति की नियमित समीक्षा करने का निर्देश दिया, ताकि पुनर्स्थापना के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके.
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.