देवघर एम्स मामले में राज्य सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट में कहा, मुहैया करा दी गई बिजली-पानी की सुविधा

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रांची : झारखंड हाई कोर्ट में देवघर एम्स में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि देवघर, एम्स में बिजली और पानी आदि की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है, जो सुविधा बची है उन्हें भी शीघ्र मुहैया कर दिया जाएगा.

फायर फाइटिंग के लिए तात्कालिक रूप से व्यवस्था की जा रही है. एम्स कर्मियों के बच्चों के लिए सेंट्रल स्कूल बनाने के लिए जगह चिह्नित कर दिया गया है, वहां जल्द सेंट्रल स्कूल खोला जाएगा. कोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब पर एम्स, देवघर को प्रतिउत्तर दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई दो मई निर्धारित की है.

पूर्व की सुनवाई के दौरान डीजी फायर अनिल पालटा कोर्ट में वर्चुअल रूप से हाजिर हुए थे. उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया था कि देवघर एम्स में फायर फाइटिंग के लिए फिनलैंड से दो हाइड्रोलिक मशीन आएगी, जो 24 तल्ला से ऊंचे भवनों में आग लगने पर आग बुझाने में सक्षम रहेगी. फिनलैंड से यह हाइड्रोलिक मशीन 24 माह में देवघर एम्स आएगी. इस पर लागत 26 करोड़ 85 लाख रुपये आएगी. इस संबंध में टेंडर निकाला गया था.

सांसद निशिकांत ने देवघर एम्स में सुविधाओं को लेकर कई बिंदु उठाए गए हैं. इसमें देवघर एम्स के लिए पावर सबस्टेशन बनाने, देवीपुर मल्टी विलेज स्कीम के तहत देवघर एम्स को पानी देने की बजाय पुनासी डैम से जोड़कर देवघर एम्स के लिए पानी की व्यवस्था करने, देवघर एम्स में फायर फाइटिंग के लिए समुचित व्यवस्था करने, देवघर एम्स के लिए शेष बचे 20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने, देवघर एम्स में कार्यरत कर्मियों के बच्चों के लिए वहां सेंट्रल स्कूल खुलवाने आदि की मांग की गई है.

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