पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार को बयान जारी कर कांग्रेस के जारी घोषणा पत्र को खोखले और झूठे वादों का पुलिंदा करार दिया है.
उन्होंने कहा कि यह न्याय पत्र नहीं बल्कि एक छलावा पत्र है. कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने कई दशकों तक इसी प्रकार के झूठे वादों के सहारे देश की जनता को छलने और ठगने का काम किया मगर अब उनकी इस कोशिश को कामयाबी नहीं मिलेगी.
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जातीय गणना को लेकर राहुल गांधी देशभर में घूमकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जातीय गणना को लेकर राहुल गांधी देशभर में घूमकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन वो ये भूल जाते है कि पांच राज्यों में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है और किसी भी राज्य ने अब तक जातीय गणना को लेकर कोई गंभीर पहल नहीं की. जबकि यह सर्वविदित है कि जातीय गणना को कराने का अधिकार राज्य सरकार के पास है. इससे यह स्पष्ट होता है कि जातीय गणना को लेकर कांग्रेस की मंशा में खोट हैं.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक देश में यूपीए की सरकार और वर्ष 1990 से 2005 तक बिहार में राजद की सरकार थी लेकिन किसी ने जातीय गणना को लेकर कोई कदम नहीं उठाया. देश में पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से बिहार में जातीय गणना हुआ और आंकड़ों के मुताबिक शोषित,वंचित और उपेक्षित वर्ग के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया.
साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजद और कांग्रेस झूठ बोलने की मशीन है. जनता ने इनके कालखंड को करीब से देखा और झेला है. कांग्रेस ने 1971 के चुनाव में भी गरीबी हटाओ का नारा दिया था लेकिन हकीकत जनता के सामने है, परंतु आज मुझे इस बात की खुशी है की श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की दस वर्षों के कार्यकाल में 25 करोड़ लोग गरीबी से रेखा बाहर आयें हैं जिनमें 3.77 करोड़ गरीब सिर्फ बिहार के हैं.