राज्य के सरकारी स्कूलों की गुणवक्ता में सुधार के लिए प्रोजेक्ट ‘इम्पैक्ट’ लागू

यूटिलिटी

रांची : राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की गुणवक्ता में सुधार लाने की दिशा में राज्य शिक्षा परियोजना की ओर से अनूठी पहल की गयी है. राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के निर्देशानुसार राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्ट ‘इम्पैक्ट’ की शुरुआत की गयी है. यह स्वतः व्यापक मूल्यांकन अभियान है.

इसमें विद्यालयों को कई मानकों के आधार पर स्वतः मूल्यांकन के लिए राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा दिए गए प्रपत्र को भरना होता है. इनमें कैंपस की स्वच्छता, पुनर्निर्माण, ग्रीन कैंपस, स्पोर्ट्स गतिविधियों, शिक्षा की गुणवक्ता, शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यालय स्तरीय समितियां, दैनिक प्रातः सभाएं, क्लास में अनुशासन, पठन पाठन, विद्यालय का रख रखाव, हाउस निर्माण समेत अन्य सांस्कृतिक व पाठ्येत्तर गतिविधियों के निरंतर आयोजन, टोला टैगिंग जैसे 15 मानक व उप मानक शामिल हैं.

कोडरमा डीसी रहते हुए आदित्य रंजन ने की थी पहल

राज्य के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में बदलाव लाने और गुणवक्ता में सुधार लाने की दिशा में लागू किये गए प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की शुरुआत राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने कोडरमा के उपायुक्त रहते हुए की थी. आदित्य रंजन की पहल पर कोडरमा से ही प्रोजेक्ट रेल और प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की शुरुआत की गयी थी. इन दोनों अभियानों से कोडरमा के सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक व्यवस्था में ना केवल सुधार आया, बल्कि स्कूलों में बच्चों के नामांकन में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली.

प्रोजेक्ट इम्पैक्ट का क्या होगा असर?

सरकारी स्कूलों के स्वतः व्यापक मूल्यांकन अभियान के रूप में शुरू किये गए प्रोजेक्ट इम्पैक्ट के माध्यम से सरकारी स्कूलों के अंदर प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होगी. स्कूल अन्य सरकारी स्कूलों से अच्छे अंक लाने का प्रयास करेंगे और इस दिशा में तय किये गए सभी मानकों को पूरा करने का प्रयास करेंगे. राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने बताया कि हर तिमाही में इस अभियान की समीक्षा की जायेगी और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सरकारी स्कूलों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा.

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