पश्चिमी सिंहभूमि

सड़क को लेकर उग्र ग्रामीण जा रहे थे मंत्री के आवास का घेराव करने, पुलिस ने रोका

पश्चिमी सिंहभूम, 27 अक्टूबर । पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित जोजोहातु से केच्चाबाईपी तक अधूरी पड़ी सड़क को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। आठ गांवों के सैकड़ों ग्रामीण पारंपरिक पोशाक और हथियारों के साथ मंत्री दीपक बिरुवा के आवास घेरने के लिए निकल पड़े। लेकिन शहर में प्रवेश करते ही पुलिस ने उन्हें ताम्बो चौक पर रोक दिया। इसके बाद ग्रामीण वहीं धरने पर बैठ गए और सरकार और विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जोजोहातु से केच्चाबाईपी तक मात्र चार किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण दो वर्षों से अधूरा पड़ा है। बरसात के मौसम में सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों को आवागमन में भारी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने कहा कि कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण वे मजबूर होकर आंदोलन करने को बाध्य हुए हैं।

धरना पर बैठी महिलाओं ने कहा कि सड़क के अभाव में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है, कई बार एंबुलेंस भी गांव तक नहीं पहुंच पाती। प्रदर्शनकारी ग्रामीण “सड़क दो, न्याय दो” और “सड़क नहीं तो वोट नहीं” जैसे नारे लगाते रहे।

मंत्री दीपक बिरुवा के आवास तक जाने से रोकने के लिए पुलिस ने ताम्बो चौक पर सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया था। बड़ी संख्या में पुलिस बल, महिला पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट तैनात रहे। प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने उनसे बातचीत की और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों से संबंधित रिपोर्ट सरकार तक भेजी जाएगी।

धरने के कारण ताम्बो चौक और आसपास के क्षेत्रों में यातायात बाधित हो गया। कुछ समय तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हालांकि स्थिति नियंत्रण में रही और किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि नवंबर के अंत तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे जिला मुख्यालय में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे। फिलहाल पुलिस और प्रशासन दोनों प्रदर्शन पर नजर रखे हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *