आईआईसीएम श्रमिक संघ की बैठक में प्रबंधन के रवैये पर आक्रोश, अजय राय बोले — कर्मियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं
राँची : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कोल मैनेजमेंट (आईआईसीएम) श्रमिक संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक संघ के अध्यक्ष अजय राय की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में संस्थान के कर्मचारियों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक में विशेष रूप से पिछले दिनों प्रबंधन द्वारा जारी दो महीने के शॉर्ट टेंडर का मामला छाया रहा। सदस्यों ने बताया कि प्रबंधन ने कर्मचारियों से काम तो लिया, लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया है। इस पर सभी सदस्यों ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया और इसे कर्मचारियों के साथ सरासर अन्याय बताया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आईआईसीएम प्रबंधन ने अब तक कर्मियों के रेगुलराइजेशन (स्थायीकरण) की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इससे कर्मचारियों में असुरक्षा और असंतोष की भावना गहराई है।
“प्रबंधन का रवैया तुगलकशाही” — अजय राय
संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “आईआईसीएम प्रबंधन का रवैया पूरी तरह तुगलकशाही होता जा रहा है। रेगुलराइजेशन तो दूर, कर्मियों को उनका कोल वेज (Coal Wage) तक नहीं दिया गया है। यह बेहद निंदनीय है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बकाया भुगतान और रेगुलराइजेशन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई, तो संघ विस्तृत आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा।
आंदोलन की चेतावनी
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि प्रबंधन ने जल्द सुधार नहीं किया, तो संघ श्रम विभाग और न्यायालय की शरण लेगा। संघ ने कहा कि “कर्मचारियों का शोषण अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रबंधन तुरंत ठोस कदम उठाए, अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन होगा।”
बैठक में मनोज कुमार सिंह, रमेश साहू, इस्लाम खान, वीर बहादुर सिंह, आलोक झा, अक्षय बेहरा, प्रीत यादव, उत्तम कुमार, मकदली कुजूर, राजेश तिर्की, मदीना खातून, ज्योति खलखो, निर्मला किस्पोट्टा, शशि देवी, अनीता तिग्गा, अनुपमा साहू, पूनम तिर्की, राहिल कुजूर, लखी लिंडा, शिला बंडो सहित कई सदस्य उपस्थित थे।
बैठक के अंत में यह संकल्प लिया गया कि आईआईसीएम श्रमिक संघ अपने सदस्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगा।
