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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  का भाषण राम-राम से शुरू, जय सियाराम पर खत्म :  नये कालचक्र का उद्गम है कैलेंडर में लिखी 22 जनवरी की तारीख

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अयोध्या : वैदिक मंत्रों और शंखनाद के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैसे ही श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण किया और लोगों ने अपने राघव की दिव्य छवि देखी, समूची अयोध्या नगरी भावविभोर हो गई. जो जहां था, वहीं से अपने आराध्य को एकटक निहार रहा था. चारों तरफ घंट-घड़ियाल और शंख की ध्वनि गूंजने लगी. बूढ़े-बच्चे-नवजवान सब के मुंह से एक साथ ‘जय श्रीराम’ गुंजायमान होने लगा.


प्रधानमंत्री मोदी ने वैदिक विधि विधान से संकल्प लेते हुए पिछले सात दिन से चल रहे प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को सम्पूर्ण किया. इस दौरान मंदिर के गर्भ गृह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा कुछ प्रमुख संत भी मौजूद रहे. काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्यों ने अनुष्ठान संपन्न कराया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आये हैं

प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आये हैं. यह अलौकिक क्षण है. हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. मोदी ने कहा कि कैलेंडर में लिखी हुई 22 जनवरी 2024 की तारीख नये कालचक्र का उद्गम है. आज दिग-दिशाएं, दिग-दिगंत सब दिव्यता से परिपूर्ण हैं. इस दौरान उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त अपने 11 दिन के व्रत अनुष्ठान की भी चर्चा की. साथ ही उन लोगों को नमन किया जिनके कारण दुनिया भर के रामभक्तों को यह शुभ दिन देखने को मिला है. अपने संबोधन में मोदी ने विपक्ष को भी संदेश दिया. उन्होंने कहा कि पहले कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बनने पर देश में आग लग जाएगी. मोदी ने कहा, ‘‘राम आग नहीं राम ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं राम समाधान हैं.’’

मुख्यमंत्री योगी बोले, ऐसा लगता है हम त्रेतायुग में आ गए हैं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद प्राण प्रतिष्ठा पर आज सभी भाव विह्वल हैं. आज के अत्यंत पावन अवसर पर हर नगर हर गांव अयोध्या धाम है. हर जिह्वा राम-राम जप रही है. ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गए हैं. मुख्यमंत्री ने अपना उद्बोधन ‘‘रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे. रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः.’’ से शुरुआत की. उन्होंने कहा कि पूरा राष्ट्र राममय है. हमारे हृदय के भावों से भरे रामलला विराज रहे हैं. आज हर दिल में संतोष का भाव है. योगी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि संभवतः विश्व का पहला प्रकरण होगा, जहां बहुसंख्यक वर्ग अपने आराध्य के लिए इतने वर्षों तक लड़ाई लड़ी हो. उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि सामूहिक चेतना में भी सफल सिद्ध हुआ है. आज पूरा भारत आनंदित हो उठा है. आज वे सभी बड़भागी हैं, जो रामकाज को करते जा रहे हैं. डबल इंजन की सरकार से आज सुगम्य अयोध्या, भव्य अयोध्या का सपना साकार हुआ है. आज करोड़ों रुपये यहां भव्यता के लिए लग रहे हैं. यहां चारों तरफ काम हो रहे हैं.

समारोह को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि ने भी संबोधित किया. न्यास के महामंत्री चम्पत राय ने कार्यक्रम का संचालन किया.

प्रधानमंत्री ने जटायु की प्रतिमा का किया अनावरण

श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर परिसर में ही स्थापित जटायु की प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद प्रधानमंत्री कुबेरटीला गए. वहां उन्होंने भगवान शिव की आराधना की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने राम मंदिर निर्माण से जुड़े श्रमिकों पर पुष्पवर्षा कर उनके योगदान को सराहा और उनका आभार जताया.

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